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नकदी फसलों की बात हो तो इनमें कॉफी की खेती का नाम भी आता हैं, कॉफी को भारत में कई जगह कहवा के नाम से भी जाना जाता है। कॉफी से पेय पदार्थ बनाने के साथ साथ इसे खाने की कई चीजों में भी इस्तेमाल किया जाता है। चलिए ग्रामिक के इस ब्लॉग में कॉफी की खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारत में कॉफी की खेती कहाँ कहाँ होती है?
भारत में कॉफी की खेती की बात करें तो ये दक्षिण पहाड़ी राज्यों में प्रमुख रुप से उगाई जाती है। भारतीय कॉफी की अच्छी गुणवत्ता के कारण इयकी मांग दुनिया भर में रहती है। भारत के प्रमुख कॉफी उत्पादक राज्यों में कर्नाटक, केरल, और तमिलनाडु शामिल हैं।
वहीं भारत विश्व के प्रमुख 6 कॉफी उत्पादक देशों में से एक है। आपको बता दें कि कॉफी की खेती छायादार जगह पर की जाती है, और एक बार इसके पौधे लगाने पर कई वर्षों तक उपज मिलती है।
कॉफी की खेती के लिए उपयुक्त तापमान
काफी के खेती के लिए छायादार जगह उपयुक्त होती है, क्योंकि तेज धूप लगने से इसकी गुणवत्ता व उपज कम हो सकती है। कॉफी उगाने के लिए अधिक बाऱिश की जरूरत भी नहीं होती है। इसके लिए 150 से 200 सेंटीमीटर तक की वर्षा पर्याप्त होती है।
अधिक सर्दी या गर्मी होने पर कॉफी की फसल का उचित विकास नहीं हो पाता है, इसलिए इसस मौसम में इसकी खेती करने से बचें। बता दें कि18 से 20 डिग्री तापमान में कॉफी के पौधे अच्छी तरह विकसित होता है। वहीं गर्मी के मौसम में अधिकतम 30 डिग्री व सर्दियों में न्यूनतम 15 डिग्री तापमान ही सहन कर सकता है।
कॉफी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी की बात करें तो इसके लिए कार्बनिक दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है, साथ ही मिट्टी के पीएच मान की बात करें तो ये 6 से 6.5 होना चाहिए। कॉफी के पौधों की रोपाई के लिए सबसे अच्छा समय पतझड़ के अंत या गर्मियों की शुरुवात का माना जाता है।
कॉफी की प्रमुख किस्में
भारत में अलग अलग क्षेत्रों की मिट्टी के अनुसार कॉफी की कई किस्मों की खेती की जाती है। वहीं केंट कॉफी भारत में सबसे लंबे समय से उगाई जाने वाली किस्म मानी जाती है। कैट कॉफी का सबसे ज्यादा उत्पादन केरल में होता है।
वहीं कॉफी की दूसरी किस्म अरेबिका सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली मानी गई है। आपको बता दें कि इस कॉफी की खेती समुद्री तल से 1000 से 1500 मीटर की ऊंचाई पर होती है, जो मुख्यतः देश के दक्षिण इलाके में उगाई जाती है।तो कॉफी की इन दो प्रमुख किस्मों के साथ भारत में अन्य किस्में भी उगायी जाती हैं।
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कॉफी की खेती करने की विधि
कॉफी की खेती के लिए गड्डो को पौधों की रोपाई से एक महीने पहले तैयार किया जाता है। इसके लिए खेत की जुताई करके मिट्टी को अच्छी तरह भुरभुरी कर लें। फिर खेत अच्छे से समतल कर दें, और कुछ दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
खेत तैयार करने के बाद चार से पांच मीटर की दूरी रखते हुए पंक्तिया बना ले, और हर पंक्ति में पौधे लगाने के लिए चार-चार मीटर की दूरी पर गड्डे तैयार कर लें। इसके बाद इन गड्ढों में उचित मात्रा में जैविक व रासायनिक खाद डालें।
खाद डालकर गड्ढों की अच्छी तरह से सिंचाई दें, ताकि मिट्टी अच्छी तरह से बैठ जाये, इसके बाद इन गड्ढों को पुलाव से ढक दें। बीज से कॉफी के पौधे तैयार होने में समय और मेहनत अधिक लगती है, इसलिए कलम विधि ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।
कॉफी की फसल की सिंचाई
पहली सिंचाई कॉफ़ी के पौधे खेत में लगाने के बाद करें। इसके बाद गर्मियों के मौसम में सप्ताह में एक बार पानी देते रहें। वहीं पौधों को कीट व रोग से बचाने के लिए इनपर नीम के तेल या नीम के काढ़े का छिड़काव करें।
FAQ
विश्व भर में सबसे अधिक कॅाफी उत्पादन करने वाला देश ब्राजील है।
रिपोर्ट के मुताबिक, फिनलैंड दुनिया का ऐसा देश है, जहां पर सबसे अधिक कॉफी का सेवन होता है।
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