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परम्परागत कृषि विकास योजना: जानें किसानों को कैसे मिलेगा लाभ!

Written by Gramik

प्रिय पाठकों, ग्रामिक के ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है।

इस ब्लॉग में हम आप को परम्परागत कृषि विकास योजना के बारे में बताएंगे। साथ ही इस योजना से होने वाले लाभ व इसकी विशेषताएं, पंजीकरण व दस्तावेज़ आदि के बारे में भी जानकारी देंगे।

परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है?

परम्परागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Scheme 2023) की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा देश के सभी किसानों को ध्यान में रखकर लायी गयी है। ये योजना मृदा स्वास्थ्य मैनेजमेंट योजना यानि soil health management scheme का एक भाग है, जिसके माध्यम से देश के सभी किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

इस योजना में कृषि के विकास हेतु पारम्परिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के ज़रिए जैविक खेती के एक स्थायी मॉडल की स्थापना करने का प्रयास किया जाएगा। इस के लिए सरकार किसानो को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।

परंपरागत कृषि विकास योजना में मिलने वाली धनराशि

जैसे की अभी हमने जाना कि परंपरागत कृषि विकास योजना (paramparagat krishi vikas yojana) के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जैविक खेती करने के लिए किसानों को 36 माह यानि 3 साल के लिए 50000 रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

आप को बता दें की इनमे से 31000 रूपए प्रति हेक्टेयर जैविक कीटनाशक, जैविक उर्वरक और बीजों के लिए दिए जाते हैं। मूल्यवर्धक और विपरण के लिए 8800 रूपए प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। आंकड़ों की मानें तो इस योजना के लिए 4 सालों में लगभग 1197 करोड़ रूपए तक की धनराशि खर्च की जा चुकी है।

परंपरागत कृषि विकास योजना के लाभ

परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से सरकार किसानो को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। जैसा कि आप जानते हैं कि जैविक खेती से मिटटी की उर्वरता बढ़ती है, और अच्छी गुणवत्ता वाली मिटटी के लिए किसानों को रसायन या कीटनाशकों का इस्तेमाल करने की भी ज़रूरत नहीं होती है।

परंपरागत कृषि विकास योजना

इसके अलावा फसल रसायन और कीटनाशक मुक्त होगी, तो स्वास्थ्य के लिए भी कोई खतरा नहीं होगा।इस योजना के माध्यम से सभी किसान जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। PKVY के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी होगी और उर्वरता बढ़ेगी। कृषि क्षेत्र में इस योजना के माध्यम से किसानो की आय भी बेहतर होगी।

इस योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से जाएगी। 31 हज़ार रुपए की धनराशि जैविक उर्वरकों, बीजों और कीटनाशकों हेतु किसानों को प्रदान की जाएगी। 8800 रूपए मूल्यवर्धन एवं वितरण के लिए प्रदान किये जाएंगे।

परंपरागत कृषि विकास योजना की आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ लेने के लिए आप को PKVY में आवेदन करना होगा। चलिए जानते हैं कि इसके लिए आपको किन पात्रता, शर्तें व दस्तावेजों की ज़रूरत होगी। 

योजना के तहत आवेदन करने वाला व्यक्ति किसान वर्ग से ही होना चाहिए। आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए। इस योजना में आवेदन करने वाले की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

इसके अलावा आपके पास मूल निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र / जन्म प्रमाण पत्र, पससपोर्ट साइज फोटो, और बैंक खाता विवरण होना ज़रूरी है।

PKVY योजना का लाभ लेने के लिए आपको इस योजना में पंजीकरण करवाना होगा। इस योजना में पंजीकरण के लिए आप नज़दीकी कृषि कार्यालय में संपर्क करें। या फिर आप PKVY की ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से भी पंजीकरण करा सकते हैं।

परम्परागत कृषि विकास योजना के बारे में जानकारी देखने की प्रक्रिया

ये आसान स्टेप्स फॉलो करके आप पूरी जानकारी पा सकते हैं। योजना के बारे में जानकारी के लिए आप को सबसे पहले परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। होम पेज पर आप को “About PKVY “ पर क्लिक करना होगा।

परंपरागत कृषि विकास योजना पोर्टल पर लॉगिन प्रक्रिया

आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करते ही आप के सामने होम पेज खुल जाएगा। होम पेज पर आप को दाहिने तरफ login का विकल्प दिखाई देगा। इस विकल्प पर क्लिक करते ही लॉगिन सेक्शन खुल जाएगा। यहाँ आप पूछी गयी जानकारी, जैसे यूजर नेम, पासवर्ड और कैप्चा कोड भरें। अंत में आप को लॉगिन के विकल्प पर क्लिक करना है। इस तरह से आप की लॉगिन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही अन्य योजनाएं-

UP Free Boring Scheme
PM Kisan Sampada Yojana
Kisan Credit Card Scheme

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