वो कहावत आपने सुनी है, कि यदि किसी चीज़ को शिद्दत से चाहो तो उसे पूरी कायनात मिलाने में लग जाती है। इस कहावत का एक उदाहरण देखने को मिला है, हरियाणा के झज्जर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव झांसवा के रहने वाले 14 साल के कार्तिक में, जिसने 67 (languages) भाषाओं में ज़वाब देने वाला (Chat GPT) चैट जीपीटी जैसा देश का पहला AI टूल तैयार कर दिया है। जिसका नाम ‘रघुराई बोट’ (Raghurai Bot) रखा है।
अब आप ये जान के हैरान हो रहे होगें कि कैसे एक 14 साल का लड़का इतना बड़ा काम कर सकता है, लेकिन आप ये जानकर और ज़्यादा ताज़्जुब करेगे कि कार्तिक एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता है, और अपने ही गांव के एक छोटे से स्कूल में पढ़ता है।
उसके परिवार में कोई भी IT या इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से नहीं हैं। लेकिन ग्रामीण अंचल से होते हुए भी उसने इतनी कम उम्र में एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
आपको बता दें कि किसान के इस बेटे ने इस भ्रांति को पूरी तरह से तोड़ दिया है, कि आगे बढ़ने के लिए शहर या बड़ी से बड़ी संस्था जाने की ज़रूरत होती है। बल्कि आप खेती बाड़ी करते हुए भी अपने आप को निखार सकते हैं, और अपने गांव, घर व देश का नाम रोशन कर सकते हैं।
कार्तिक ने अपने किसान पिता अजीत सिंह के साथ मिलकर देश का पहला भारतीय संस्करण तैयार किया है। जिसका नाम उसने ‘रघुराई बोट’ रखा है। कार्तिक ने रघुराई बोट को (Chat GPT) चैट जीपीटी से भी एडवांस होने का दावा किया है।
उसने महज एक महीने में ही यह बोटचैट बना दिया है। कार्तिक अब इसे पेटेंट ( petent ) करवा रहा है। इसके साथ ही उसने कुछ समय पहले देश का पहला बोलने वाला अखबार भी बनाया है, ऐसा करके वह देश का यंगेस्ट (App developer) एप डेवलपर बन गया है।
आखि़र (Chat GPT)चैट जीपीटी है क्या?
चैट जीपीटी का मतलब होता है, चैट जेनेरेटिव प्री-ट्रेंड (pre trend transfer) ट्रांसफार्मर। यह एक AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल होता है, जिससे आप कोई भी सवाल का जवाब कर सकते हैं। हालांकि अभी ये विवादित है, कुछ लोग इसके पक्ष में हैं और कुछ लोग विपक्ष में, विरोधी के अनुसार इससे लोगो में क्रिएटिव कम हो जायेगी लेकिन वही इसके समर्थन में लोग कह रहे की ये आधुनिक जीवन के लिए काफ़ी मददगार साबित होगा।
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