Plant Diseases

मक्का की फसल में लगने वाले प्रमुख कीट व उनके नियंत्रण के उपाय!

मक्का की फसल
Written by Gramik

प्रिय पाठकों, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है!

मक्का एक ऐसी फसल है, जिसे खरीफ, रबी, और जायद तीनों ऋतुओं में बोया जाता है। इसमें लगभग 70 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 10 प्रतिशत प्रोटीन, और 4 प्रतिशत तेल पाया जाता है। मक्के की फसल में कीटों से सुरक्षा बहुत ज़रूरी है। सही समय पर बोने, उन्नत किस्मों का चुनाव करने, उचित खाद देने और समय पर कीट नियंत्रण के उपाय करने से मक्का की फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है। तो चलिए जानते हैं मक्का की फसल में लगने प्रमुख कीट व उनके नियंत्रण के उपाय।

ग्रामिक पर उन्नत किस्म के मक्का बीज बेहद किफायती मूल्य पर उपलब्ध हैं, आप अभी ऑर्डर कर सकते हैं।

तना छेदक

तना छेदक मक्के के लिए सबसे अधिक हानिकारक कीटों में से एक है। इसकी सुंडियां 20 से 25 मिमी लम्बी और स्लेटी सफेद रंग की होती हैं, जिनका सिर काला होता है और उन पर चार लम्बी भूरे रंग की लाइनें होती हैं। ये सुंडियां तनों में छेद करके अंदर ही अंदर खाती रहती हैं, जिससे फसल की प्रारम्भिक अवस्था में मृत गोभ बनता है। बाद की अवस्था में प्रकोप होने पर पौधे कमजोर हो जाते हैं, भुट्टे छोटे हो जाते हैं और हवा चलने पर पौधे टूट जाते हैं।

स्टेम बोरर कीट

नियंत्रण

खेत में पड़े पुराने खरपतवार और अवशेषों को नष्ट करें। मृत गोभ दिखाई देते ही प्रकोपित पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें। इमिडाक्लोप्रिड 6 मिली प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज शोधन करें और मक्का फसल में संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें। कीट नियंत्रण के लिए 5 से 10 ट्राइकोकार्ड का प्रयोग करें और तना छेदक के लिए टाइकोग्रामा परजीवी 50000 प्रति हेक्टेयर की दर से अंकुरण के 8 दिन बाद 5 से 6 दिन के अंतराल पर 4 से 5 बार खेत में छोड़ें। रासायनिक नियंत्रण हेतु क्विनालफास 25 प्रतिशत, ई.सी. 400 ml / Acre for 200 liter water spray

ग्रामिक पर आपकी फसल के लिए कई उपयोगी कीटनाशक उपलब्ध हैं, आप अभी ऑर्डर कर सकते हैं।

मक्का का कटुआ कीट

कटुआ कीट काले रंग की सूंडी होती है, जो दिन में मिट्टी में छुपती है और रात को नए पौधे मिट्टी के पास से काट देती है। ये कीट पौधों को उगने के तुरन्त बाद नुकसान पहुंचाते हैं। इनकी गंदी भूरी सुण्डियां पौधे के कोमल तने को मिट्टी के धरातल के बराबर वाले स्थान से काट देती हैं, जिससे फसल को भारी हानि होती है। सफेद गिडार पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।

मक्का का कटुआ कीट

नियंत्रण

मक्का फसल में संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें। बचे हुए अवशेषों, खरपतवार और दूसरे पौधों को नष्ट करें। इथोफेंप्रॉक्स 10 ई.सी. एक लीटर प्रति हेक्टेयर 500 से 600 पानी में घोलकर 10 से 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें।

मक्का का सैनिक सुंडी

सैनिक सुंडी हल्के हरे रंग की होती है, जिसकी पीठ पर धारियां और सिर पीले भूरे रंग का होता है। यह सुंडी ऊपर के पत्ते और बाली के नर्म तने को काट देती है। अगर प्रति वर्गफुट 4 सैनिक सुंडी मिलें तो इनकी रोकथाम आवश्यक हो जाती है।

मक्का का सैनिक सुंडी

नियंत्रण

खेत में पड़े पुराने खरपतवार और अवशेषों को नष्ट करें। इमिडाक्लोप्रिड 6 मि.ली. प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज शोधन करें। मक्का फसल में संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें। हर 7 दिन के अंतराल पर फसल का निरीक्षण करें और कीटनाशक के रूप में कार्बोरिल, फेनवलरेट या क्विनालफॉस का उपयोग करें।

फॉल आर्मीवर्म

फॉल आर्मीवर्म एक मादा पतंगा है, जो अपने जीवन काल में एक हजार से अधिक अंडे देती है। इसके लार्वा मुलायम त्वचा वाले होते हैं, जो बढऩे के साथ हल्के हरे या गुलाबी से भूरे रंग के हो जाते हैं। ये लार्वा पत्तियों को किनारे से खाते हैं और मक्के के भुट्टे को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

फॉल आर्मीवर्म कीट

नियंत्रण

समय पर बुवाई करना इस कीट के नियंत्रण में प्रभावी होता है। संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें और खेत में पड़े पुराने खरपतवार और अवशेषों को नष्ट करें। कीट के नियंत्रण के लिए 5-10 ट्राइकोकार्ड का प्रयोग करें और फॉल आर्मीवर्म को रोकने के लिए 10 से 12 फेरोमोन ट्रैप प्रति हेक्टेयर की दर से लगाएं। जैविक कीटनाशक के रूप में बेसिलस थुरिंजिएन्सिस (क्चह्ल) का उपयोग करें और रासायनिक नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी- 100 ग्राम/एकड़ या स्पिनेटोरम 11.7% एससी 100 मिली/एकड़ 200 लीटर पानी का छिड़काव करें। 

FAQ

मक्का की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जलवायु और मिट्टी कौन सी है? 

मक्का की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। 21-27°C के बीच के तापमान में फसल का विकास अच्छा होता है। वहीं मिट्टी की बात करें तो दोमट मिट्टी, जिसमें जल निकासी अच्छी हो, सर्वोत्तम मानी जाती है।

मक्का की बुवाई का सही समय क्या है?

मक्का की बुवाई का सही समय क्षेत्र के जलवायु पर निर्भर करता है। सामान्यतः खरीफ की फसल के लिए जून से जुलाई और रबी की फसल के लिए अक्टूबर से नवम्बर तक का समय उपयुक्त होता है।

मक्का की बुवाई कैसे की जाती है?

मक्का की बुवाई के लिए 45 से 60 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारों में बुवाई करनी चाहिए। पौधों के बीच 20-25 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए। बुवाई की गहराई 3-5 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

मक्का की फसल की देखभाल कैसे करें?

मक्का की फसल की देखभाल के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। पौधों में पानी की कमी न होने दें, विशेषकर जब पौधे फूल रहे हों और दाने बन रहे हों। कीट और रोगों से बचाव के लिए समय-समय पर निरीक्षण और आवश्यक उपाय करें।

मक्का की सिंचाई कैसे करें?

मक्का की सिंचाई 4-5 बार करनी चाहिए। पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद, दूसरी 3-4 पत्तियाँ आने पर, तीसरी फूल आने पर, चौथी दूधिया अवस्था में और अंतिम सिंचाई दाने भरने की अवस्था में करनी चाहिए।

खेती से संबंधित और भी ब्लॉग पढ़ने के लिए किसान साथी ग्रामिक दिये गये लिंक पर क्लिक करें –
Most Profitable Crops
बेबी कॉर्न की खेती
मक्का की खेती

https://shop.gramik.in/

About the author

Gramik

Leave a Comment