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Multi Layer Farming: यहाँ हो रही पांच मंजिला खेती, आप भी जानें पांच गुना लाभ पाने का फार्मूला!

मल्टी लेयर फार्मिंग
Written by Gramik

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प्रिय पाठकों, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है। ग्रामिक हमेशा किसान साथियों को उन्नत कृषि तकनीकों (Good Agricultural Practices) से जोड़ने का प्रयास करता है। हम ब्लॉग, विडिओ या अन्य माध्यमों से आपको आधुनिक कृषि से संबंधित जानकारी देते रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे कृषि मॉडल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने खेती की परिभाषा ही बदल दी है। हम बात कर रहे हैं मल्टी लेयर फार्मिंग (Multi Layer Farming) मॉडल के बारे में।

मल्टी लेयर फार्मिंग

मेडिकल की जगह चुनी मल्टी लेयर फार्मिंग

मध्य प्रदेश के रहने वाले युवा किसान आकाश चौरसिया आज खेती की मल्टी लेयर फार्मिंग तकनीक अपनाकर लाखों कमा रहे हैं। उनका सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन समाज को रसायन-मुक्त खाद्य पदार्थ देने के उद्देश्य से उन्होंने खेती को अपना पेशा बनाया। 2014 में उन्होंने मल्टी लेयर फार्मिंग का आविष्कार किया, जिससे छोटे किसानों को भी अधिक उत्पादन और मुनाफा प्राप्त हो सके। आज आकाश अपने 3 एकड़ के खेतों से प्रति एकड़ 8 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं।

पांच मंजिला खेती उगाई जा रहीं ये फसलें 

मल्टी लेयर फार्मिंग में एक ही खेत में कई फसलें उगाई जा सकती हैं। उदाहरण देकर समझें तो पहली मंजिल पर भूमिगत फसलें जैसे अदरक और हल्दी, दूसरी मंजिल पर पत्तेदार सब्जियां जैसे धनिया, तीसरी मंजिल पर  लता फसलें जैसे करेला और कुंदरू, चौथी मंजिल पर ट्रेलिस के ऊपर फल पौधे जैसे पपीता और सहजन और  पांचवीं मंजिल पर ट्रेलिस और मिट्टी के बीच की जगह में लौकी और तुरई की खेती की जा सकती है। इस प्रकार, एक ही खेत में पांच से छह फसलें उगाई जाती हैं, जिससे उत्पादन और मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है।

Multi Layer Farming

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मल्टी लेयर फार्मिंग की तकनीक

मल्टी लेयर फार्मिंग की तकनीक की बात करें तो इसके जरिए किसान एक ही खेत में एक साथ चार से पांच फसलों की खेती आसानी से कर सकते हैं। मल्टी लेयर फार्मिंग में खेत की हर इंच जमीन का उपयोग होता है। इसके लिए एक विशेष प्रकार का स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है। इसमें बांस के डंडे और घास का उपयोग किया जाता है, जिससे फसलों को उचित वातावरण मिलता है और संसाधनों की बचत होती है।

प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग

मल्टी लेयर फार्मिंग के इस मॉडल में जैविक विधियों का प्रयोग करके ही उन्नत खेती की जा सकती है। यदि आप पशुपालन करते हैं तो आप फसल में गोबर की खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं आप  खुद वर्मी कंपोस्ट बनाकर अपने खेत में इसका उपयोग कर सकते हैं। ग्रामिक से मिले प्रशिक्षण के आधार पर हमारी कुछ महिला किसान साथी बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट बना रही हैं। देखें विडिओ- 

मल्टी लेयर फार्मिंग के लाभ

मल्टी लेयर फार्मिंग से किसानों को कई लाभ मिलते हैं- 

उत्पादन में वृद्धि: एक ही खेत में कई फसलों की खेती से उत्पादन कई गुना बढ़ जाता है।

लागत में कमी: एक फसल की लागत में चार से पांच फसलें उगाई जा सकती हैं, जिससे लागत कम हो जाती है।

खरपतवार और कीट नियंत्रण: मल्टी लेयर फार्मिंग में खरपतवार और कीटों का नियंत्रण बेहतर होता है।

पर्यावरण संरक्षण: इस तकनीक से फसलों को उचित वातावरण मिलता है और पर्यावरण का संरक्षण होता है।

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