धान की खेती में रोपाई के बाद की धान की देखभाल सबसे अधिक मायने रखती है। इस दौरान पौधों की जड़ें मिट्टी में जमती हैं, बढ़वार की गति तय होती है और खरपतवार तेजी से फैलने लगते हैं। यदि किसान भाई इस शुरुआती चरण में सही सिंचाई, पोषण और खरपतवार नियंत्रण करें, तो फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में 30% तक बढ़ोतरी संभव है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे:
- रोपाई के बाद धान की देखभाल में सिंचाई कैसे करें?
- कौन-से खरपतवार नियंत्रण उपाय अपनाएं?
- पौधों की बढ़वार बढ़ाने के लिए कौन-से ग्रोथ बूस्टर उपयोग करें?

1. रोपाई के बाद धान की देखभाल में सिंचाई कैसे करें?
धान की देखभाल में पहला कदम – सही सिंचाई:
- रोपाई के तुरंत बाद: खेत में 2-3 सेमी पानी भरें ताकि पौधे खड़े रहें और मिट्टी में सही जड़ पकड़ सकें।
- पहले 7 दिन: रोजाना खेत की नमी जांचें और हल्की सिंचाई करें। ज्यादा पानी से जड़ सड़ सकती है।
- 8-30 दिन: हर 5-7 दिन में 3-5 सेमी पानी देना सबसे उपयुक्त होता है।
Alternate Wetting and Drying (AWD) तकनीक से जड़ों को ऑक्सीजन मिलती है और पानी की बचत भी होती है।
2. धान की देखभाल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?
खरपतवार फसल का पोषण चुरा लेते हैं और पौधों की वृद्धि रोक देते हैं। इसलिए रोपाई के बाद 30 दिनों की धान की देखभाल में इनका नियंत्रण बेहद जरूरी है।
यांत्रिक व हाथ से निराई:
- पहली निराई: 10-12 दिन बाद
- दूसरी निराई: 20-25 दिन के बीच
- Conoweeder या रोटरी वीडर से निराई करने पर उत्पादन में सुधार देखा गया है।
रासायनिक खरपतवार नाशक:
- Pre-emergent (2-3 दिन के अंदर):
- Butachlor, Pendimethalin
- Butachlor, Pendimethalin
- Post-emergent (15-20 दिन बाद):
- Bispyribac Sodium, Penoxsulam
- Bispyribac Sodium, Penoxsulam
छिड़काव सुबह या शाम हल्की नमी में करें।

धान की देखभाल में शुरुआती ग्रोथ बूस्टर और पोषण
(Initial Growth Boosting Tips for Healthy Paddy Crop)
धान की अच्छी बढ़वार के लिए पोषक तत्व और ग्रोथ प्रमोटर जरूरी हैं।
रासायनिक खाद:
- Urea (नाइट्रोजन): 12-15 दिन पर 40-50 किग्रा/एकड़
- DAP या SSP (फॉस्फोरस): जड़ों के विकास के लिए
- MOP (पोटाश): रोग से सुरक्षा बढ़ाता है

जैविक विकल्प:
- Azospirillum, PSB, Trichoderma का छिड़काव
- Gramino Plant Growth Regulator और Solio Gold – प्राकृतिक विकास को बढ़ाता है
- 13:00:45 या 19:19:19 NPK का फोलियर स्प्रे – हर 10-12 दिन पर
4. शुरुआती रोग और कीटों से धान की देखभाल कैसे करें?
धान की देखभाल में कीट और रोग नियंत्रण अनदेखा न करें:
- रोग:
- Blast, Leaf Spot, Sheath Blight
- Blast, Leaf Spot, Sheath Blight
- कीट:
- Brown Plant Hopper, Stem Borer
- Brown Plant Hopper, Stem Borer

बचाव के उपाय:
- जैविक कीटनाशक या नीम तेल का छिड़काव
- जरूरत अनुसार Tricyclazole, Acephate, Hexaconazole का प्रयोग
धान की देखभाल से ही होता है भरपूर उत्पादन
रोपाई के बाद की धान की देखभाल फसल की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सही समय पर सिंचाई, उचित खाद का उपयोग, और खरपतवार व कीट नियंत्रण से फसल की गुणवत्ता और उपज में काफी वृद्धि हो सकती है। यदि किसान नियमित रूप से इन कारकों का ध्यान रखते हैं, तो न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि उत्पादन की कुल लागत भी घटेगी।
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