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रबी सीजन में करें इन 5 सब्ज़ियों की खेती! कम समय में देंगी अच्छा मुनाफ़ा।

Written by Gramik

प्रिय पाठकों, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है।

किसान भाइयों, ठंड के मौसम की शुरुआत का मतलब है कि, हरी पत्तेदार सब्जी का मौसम शुरू होना। जो भी लोग अपने घरों में गार्डनिंग करते हैं, उन्हें ठंड का मौसम बहुत अच्छा लगता है। क्योंकि ऐसे लोग ठंड के मौसम में हरी, ताज़ी और पौष्टिक पत्तेदार सब्ज़ियों की खेती करते हैं, और अच्छा पैसा कमाते हैं। 

ठण्ड के मौसम में की जाने वाली सब्जी की खेती सितम्बर-अक्टूबर महीने में शुरू हो जाती है, और दिस्मबर का महीना आते-आते कई तरह की सब्ज़ियों की बुवाई की जाती है, जो बहुत कम समय में तैयार होकर किसानों को अधिक से अधिक लाभ कमाने का अवसर देती हैं।

अगर हम हरी पत्तेदार सब्जियों की बात करें तो इसमें मेथी, पालक, सरसों, धनिया, केल, लेटस आदि को आप अपनी बालकनी या फिर बगीचे में आसानी से ऊगा सकते हैं। 

दिसंबर महीनें में किन सब्ज़ियों की खेती करें?

1. पत्तागोभी की खेती

सब्ज़ियों की खेती

पत्तागोभी की खेती अच्छी जल निकासी वाली जमीन पर करनी चाहिए। किसान भाइयों,  इसके लिए धूप वाली जगह की भी जरूरत पड़ती है। इसके पौधे की रोपाई सीधे बीज बोनें से पहले मिट्टी की जुताई करनी चाहिए।

ज्यादातर अगर देखा जाए तो पत्ता गोभी के लिए 6 से 8 तक पीएच वाली जमीन की जरूरत पड़ती है। विकसित पौधे और अच्छी गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए मिट्टी में नमी बनाए रखना जरुरी है। 

पत्तागोभी की उन्नत किस्म की बात करें, तो उनमें आइरिस F1 हाइब्रिड पत्तागोभी, इंपोर्टेड लाल पत्तागोभी, NS-22 पत्तागोभी, गोल्डन एकड़ पत्तागोभी, स्वागत पत्तागोभी, अल्पाइन F1 हाइब्रिड ब्रांड्स के पत्तागोभी बीज शामिल हैं।

2 . मूली की खेती

दिसंबर में मूली की भी खेती की जाती है। ये एक ऐसी फसल है, जिससे किसान कम समय में अच्छा पैसा कमा सकते हैं। किसान भाइयों, अगर हम भारत की बात करें तो पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, असम, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। इसके अलावा और भी कई राज्य हैं, जहां हम मूली की खेती आसानी से कर सकते हैं। 

मूली की खेती

अच्छी गुणवत्ता वाली फसल के लिए आप ग्रामिक पर उपलब्ध उत्तम प्रजाति के मूली बीज का चुनाव कर सकते हैं। मूली की उन्नत किस्मों की बात करें, तो उनमें

रेमिक चांदनी रिसर्च, क्वीन रिसर्च, राउंड लाल F1 हाइब्रिड, चित्रा रिसर्च, सोनावरी, आइरिस, राधा कृष्णा, श्री राम, अल्पाइन आदि अच्छी उपज देने वाले बीज ग्रामिक पर उपलब्ध हैं।

3 . सरसों की खेती

किसान भाइयों, सरसों की फसल के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है, लेकिन इसकी खेती अच्छी जल निकासी वाली जमीन पर करनी चाहिए। ग्रामिक पर सरसों की कई किस्में उपलब्ध हैं, जिनकी खेती करके किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं। 

सरसों की खेती

सरसों की खेती के लिए ठंड का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। सरसों के पौधे की वृद्धि के लिए 18 से 24 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। छायादार मौसम सरसों की फसल के लिए हानिकारक होते हैं। इसके अलावा ये भी ध्यान रहे कि सरसों की खेती कभी भी छारीय अम्लीय मृदा में न करें।

अच्छी गुणवत्ता वाली फसल के लिए आप ग्रामिक पर उपलब्ध मन्नत RE-444, शाइन 210, सुरभि काली हाइब्रिड सरसों बीज, कुसुम रिसर्च, कोहिनूर, पायनियर, अल्पाइन आदि ब्रांड्स के सरसों बीज आप अभी ऑर्डर कर सकते हैं।

4 . शलजम की खेती

शलजम की खेती भी ठंड के मौसम में की जाती है। आपको बता दें कि शलजम में विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर एवं एंटी ऑक्सीडेंट काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे ग्राहकों के बीच इसकी खूब डिमांड होती है। इसके साथ ही शलजम में कई तरह के औषधीय गुण भी पाए जाते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, शलजम के सेवन से हृदय रोग, हाई ब्लडप्रेशर एवं कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। शलजम की खेती के लिए अगर आपको उन्नत किस्म के बीज की तलाश है, तो आप ग्रामिक पर उपलब्ध राधा कृष्णा शलजम बीज का चुनाव कर सकते हैं।

शलजम की खेती बलुई और रेतीली मिट्टी में करना चाहिए। अगर आपके खेत की मिट्टी चिकनी या फिर रेतीली है तो उसमें शलजम की उपज अच्छी नहीं होगी। शलजम एक तरह की जड़ वाली फल है, जिससे इसके लिए मिट्टी का नरम और रेतीला होना जरुरी है। 

5 . गाजर की खेती

किसान भाइयों गाजर की खेती ठंड के मौसम में आसानी से की जा सकती है। गाजर हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक है। गाजर में विटामिन K1, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट एवं के एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। गाजर की फसल बुवाई के तीन महीने बाद तैयार हो जाती है। गाजर खाने में कई तरह से प्रयोग होने और स्वास्थ्यवर्धक होने के कारण बाजार में भी अच्छे दामों पर बिकती है। 

किसान भाई गाजर की खेती करके अच्छा पैसा कमा सकें, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। गाजर की खेती के लिए भुरभुरी मिटटी की जरुरत पड़ती है, अतः किसान इसकी मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए दो से तीन बार हल से जुताई कर सकते हैं। किसान चाहें तो 3 से 5 बार पारंपरिक हल से जुताई कर सकते हैं। गाजर की अच्छी खेती के लिए मिट्टी का तैयार होना जरुरी है।

ग्रामिक पर उपलब्ध गाजर के बीज की कुछ उन्नत किस्मों की बात करें तो एरिका F1, राधा कृष्णा, अल्पाइन, सिंदूरी, रेमिक कलम और पूसा लाल लाल गाजर बीज आदि का चुनाव करके आप उच्च गुणवत्ता वाली फसल ले सकते हैं।

आज के इस ब्लॉग में आपने जाना कि दिसम्बर महीने में किन सब्ज़ियों की खेती की जा सकती है। आशा है कि आपको ग्रामिक का यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ज़्यादा से ज़्यादा किसानों तक ये जानकारी पहुंच सके, इसके लिए आप इस ब्लॉग को अधिक से अधिक शेयर करें। अगर आप अपनी खेती बेहतर तरीके से करना चाहते हैं, तो ग्रामिक पर उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चुनाव करें।

आप 7388821222 पर कॉल करके खेती-बाड़ी से जुड़ा कोई भी प्रोडक्ट घर बैठे मंगा सकते हैं। आप ग्रामिक का Mobile App डाउनलोड करके भी अपना ऑर्डर प्लेस कर सकते हैं। साथ ही आप हमारी वेबसाइट shop.gramik.in पर जाकर भी अपना ऑर्डर कर सकते हैं।

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