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वैसे तो सभी सब्ज़ियों की खेती से किसान साथी अच्छी आमदनी ले सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ‘लोबिया की खेती’ से किसानों को कई तरीके से मुनाफा हो सकता है। एक तो ये फसल खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है, दूसरे इसकी फलियां सब्जी के रूप में अच्छे दामों पर बिकती हैं। इसके अलावा आपके दुधारू पशुओं के लिए भी लोबिया बहुत लाभदायक है। जानना चाहेंगे कैसे? तो चलिए विस्तार से बताते हैं-
लोबिया की खेती दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में भी कारगर
लोबिया मनुष्य के खाने में तो कई पोषक तत्वों की कमी को पूरी ही करता है, साथ ही पशुओं के चारे का अच्छा स्रोत भी है। ये दुधारू पशुओं में दूध बढ़ाने का भी अच्छा जरिया माना जाता है, साथ ही जिन दुधारू पशुओं को लोबिया का सेवन कराया जाता है, उनका दूध काफ़ी पौष्टिक होता है।
इसके दाने में प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट, कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें आवश्यक एमिनो एसिड जैसे लाइसिन, लियूसिन, फेनिलएलनिन भी पाया जाता है।
दुधारू पशुओं में दूध बढ़ाने के लिए किसान भाई Gramik के इस ब्लॉग को पढ़ सकते हैं – ग्रामिक दूध सागर
लोबिया की खेती के लिए ऐसे तैयार करें खेत
किसान साथियों, जैसा कि सामान्य तौर पर सभी फसलों के लिए गोबर की बनी हुई खाद बहुत ज़रूरी होती है, उसी तरह से लोबिया की फसल के लिए भी गोबर की सड़ी खाद बहुत कारगर साबित होती है। इसके खेत में बुवाई से पहले नाइट्रोजन की मात्रा 20 किलोग्राम/ हेक्टेयर के हिसाब से डालना चाहिए।
बुवाई से 1 माह पहले खेत में गोबर की 20-25 टन मात्रा डाल दें, जिससे कि खाद में जो भी खरपतवार हो वो उग जाये और उनको नष्ट किया जा सके। खाद डालने के बाद इसमें हैरो से दो बार जुताई कर दें, और एक बार कल्टीवेटर चला दें, जिससे कि मिटटी मिलाने के साथ साथ इसमें गहराई भी आ सके।
लोबिया की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी व उर्वरक
लोबिया की खेती के लिए वैसे तो रेतीली और दोमट मिटटी उत्तम मानी जाती है, लेकिन ये किसी भी तरह की मिटटी में उगाई जा सकती है। बस किसान साथी इस बात का ध्यान रखें कि जल निकासी की सामान्य व्यवस्था होनी चाहिए और खेत में पानी नहीं रुकना चाहिए।
लोबिया एक दलहनी फसल है, इसलिए नाइट्रोजन की 20 कि.ग्रा, फास्फोरस 60 किग्रा तथा पोटाष 50 किग्रा/हेक्टेयर खेत में अंतिम जुताई के समय मिट्टी में मिला देना दें, और 20 किग्रा नत्रजन की मात्रा फसल में फूल आने पर प्रयोग करें।
लोबिया की खेती करने का सही समय
लोबिया की खेती करने के लिए अगर हम उपयुक्त मौसम की बात करें तो इसके लिए गर्म और नमी वाला मौसम अच्छा रहता है। इसको फ़रवरी,-मार्च और जून,-जुलाई में उगाकर अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। इसके लिए 20 से 30 डिग्री तक का तापमान उचित रहता जो की इसके बीज को अंकुरित होने में सहायता करता है। 17 डिग्री से कम के तापमान में लोबिया का फसल के उचित विकास और उपज की संभावना कम हो जाती है।
लोबिया की उन्नत प्रजातियां
हमारे कृषि वैज्ञानिक लगातार फसलों की उन्नत किस्में खोजने के लिए विशेष तौर पर बीजों पर शोध करते रहते हैं। लोबिया के लिए भी कुछ अच्छी पैदावार वाली किस्में विकसित की गई हैं। वैसे लोबिया को बोड़ा, बरबटी, व चवली आदि नामों से भी जाना जाता है।
ग्रामिक पर उपलब्ध लोबिया की कुछ उन्नत प्रजातियों की बात करें तो इसमें Remik Simran Research Lobia Seeds, Ankur Ketaki Lobia seeds, Iris F1 Hybrid SUPER LONG-77 Yard Long Beans Seeds, Alpine Beans Seeds आदि हैं, जिनकी खरीददारी आप बहुत ही किफायती दामों में घर बैठे कर सकते हैं।
FAQs
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लोबिया की बुवाई कब होती है?
गर्मी के मौसम में लोबिया की बुवाई फरवरी -मार्च में और वर्षा के मौसम में जून अंत से जुलाई महीने के दौरान की जाती है।
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लोबिया खाने से क्या फायदा होता है?
लोबिया एक ऐसी सब्ज़ी है, जिसे खाने से हमारे शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं। ये एनीमिया, वजन कम करने व डायबिटीज के लिए विशेष फायदेमंद है।
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लोबिया को कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?
लोबिया की पौध की बढ़वार के लिये बीजों को उचित दूरी पर लगायें। लाइनों के बीच 45-60 सेमी. और बीज से बीज के बीच 10 सेमी. की दूरी के हिसाब से बुआई करें।
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लोबिया में कौन कौन से तत्व होते हैं?
आधुनिक विज्ञान के अनुसार लोबिया में सबसे अधिक पोषक तत्व पाए जाते है। कहा जाता है कि 100 ग्राम लोबिया में कार्बोहाइड्रेट 60.03 ग्राम, प्रोटीन 23.52 ग्राम, कुल वसा 1.26 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल 0 और आहार फाइबर 10.6 ग्राम पाया जाता है।
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