Informative

हाइड्रोपोनिक्स खेती: बिना मिट्टी के खेती का अनोखा तरीक़ा!

हाइड्रोपोनिक्स खेती: बिना मिट्टी के खेती का अनोखा तरीक़ा!
Written by Gramik

प्रिय पाठकों, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है! 

क्या आपने कभी सोचा है कि खेती बिना मिट्टी के भी हो सकती है? हाँ, यह बिल्कुल मुमकिन है। हाइड्रोपोनिक्स खेती एक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधे मिट्टी की बजाय पानी में उगाए जाते हैं। इस तकनीक से आप कम जगह और कम पानी में भी अच्छी फसल उगा सकते हैं।  

हाइड्रोपोनिक्स खेती

चलिए इस ब्लॉग में जानते हैं हाइड्रोपोनिक्स खेती और इसके उपयोग के बारे में विस्तार से जानते हैं।

हाइड्रोपोनिक्स खेती क्या है?

हाइड्रोपोनिक्स खेती एक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधों को बिना मिट्टी के, पानी में उगाया जाता है। इस विधि में पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं और उस पानी में सभी जरूरी पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। यह पानी पौधों को सीधा पोषण देता है, जिससे वे तेजी से और स्वस्थ तरीके से बढ़ते हैं।

हाइड्रोपोनिक्स में कम जगह और कम पानी की जरूरत होती है, और इससे मिट्टी में होने वाले कीट और रोगों का खतरा भी नहीं होता। इस तकनीक का इस्तेमाल करके आप घर की छत, बालकनी या छोटे से स्थान में भी खेती कर सकते हैं। 

हाइड्रोपोनिक्स खेती

हाइड्रोपोनिक्स खेती का उपयोग कैसे करें?

हाइड्रोपोनिक्स खेती का उपयोग करने के लिए सबसे पहले आपको एक हाइड्रोपोनिक्स प्रणाली स्थापित करनी होगी। इसमें पौधों की जड़ें पानी में रखी जाती हैं, जिसमें पोषक तत्वों का घोल मिलाया जाता है। आप पौधों को उगाने के लिए डीप वाटर कल्चर, एनएफटी (Nutrient Film Technique), या एरोपोनिक्स जैसी विधियों का उपयोग कर सकते हैं।

पौधों की देखभाल के लिए नियमित रूप से पोषक तत्वों का घोल बदलते रहें और जड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती रहे, इसका ध्यान रखें। इस तकनीक से आप घर में ही ताजी सब्जियाँ, फल और हर्ब्स उगा सकते हैं, वह भी कम पानी और जगह में।

हाइड्रोपोनिक्स खेती के फायदे

कम पानी की जरूरत: हाइड्रोपोनिक्स में सामान्य खेती की तुलना में बहुत कम पानी लगता है।

ज्यादा उत्पादन: इस विधि से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फसल भी अच्छी होती है।

कम जगह में खेती: इस तकनीक से आप छोटे से छोटे स्थान में भी खेती कर सकते हैं।

मिट्टी की जरूरत नहीं: इसमें मिट्टी की जरूरत नहीं होती, इसलिए मिट्टी से जुड़े रोग और कीटों का खतरा भी कम हो जाता है।

हाइड्रोपोनिक्स के तरीके

डीप वाटर कल्चर (DWC): इसमें पौधों की जड़ें सीधे पानी में डूबी रहती हैं।

एनएफटी (NFT): इसमें पौधों की जड़ें एक नाली में रखी जाती हैं, जिसमें पोषक तत्वों का घोल बहता रहता है।

एरोपोनिक्स: इस विधि में पौधों की जड़ें हवा में लटकती रहती हैं और उन पर पोषक तत्वों का स्प्रे किया जाता है।

ड्रिप सिस्टम: ड्रिप सिस्टम एक सिंचाई विधि है जिसमें पानी और पोषक तत्वों को सीधे पौधों की जड़ों के पास धीमी गति से बूंद-बूंद कर दिया जाता है।

एब्ब एन्ड फ्लो(फ्लड और ड्रेन) सिस्टम: एब्ब एन्ड फ्लो (फ्लड और ड्रेन) सिस्टम एक हाइड्रोपोनिक्स विधि है जिसमें पौधों की जड़ों को समय-समय पर पोषक तत्वों के घोल से बाढ़ की तरह भरा जाता है और फिर घोल को निकालकर जड़ों को सूखा छोड़ दिया जाता है।

विक सिस्टम: विक सिस्टम एक हाइड्रोपोनिक्स तकनीक है जिसमें पौधों की जड़ों तक पानी और पोषक तत्वों को एक विक (wick) यानी कपड़े या रस्सी के जरिए धीरे-धीरे पहुँचाया जाता है।

हाइड्रोपोनिकली उगाए जाने वाले पौधे

आमतौर पर हाइड्रोपोनिकली उगाए जाने वाले पौधों में पालक, धनिया, तुलसी, सलाद वाली सब्जियां जैसे     टमाटर, खीरा, मिर्च, पुदीना, स्ट्रॉबेरी, ब्रॉकली आदि। ये पौधे हाइड्रोपोनिक्स विधि में अच्छी तरह से उगते हैं और तेजी से बढ़ते हैं। हाइड्रोपोनिक्स खेती को अपनाकर आप नई और बेहतर तकनीकों का फायदा उठा सकते हैं। यह एक ऐसा तरीका है जो न सिर्फ आपकी फसल को बेहतर बनाएगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।

हाइड्रोपोनिकली उगाए जाने वाले पौधे

FAQs

हाइड्रोपोनिक्स में कौन-कौन सी फसलें उगाई जा सकती हैं?

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से टमाटर, मिर्च, खीरा, और स्ट्रॉबेरी जैसी फसलें आसानी से उगाई जा सकती हैं।

क्या हाइड्रोपोनिक्स खेती में कीटनाशकों की जरूरत होती है?

मिट्टी नहीं होने की वजह से मिट्टी से जुड़े कीटों का खतरा कम होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हल्के कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है।

क्या हाइड्रोपोनिक्स पर्यावरण के लिए अच्छा है?

हाँ, इस विधि से पानी की बचत होती है और मिट्टी का क्षरण भी नहीं होता, इसलिए यह पर्यावरण के लिए अच्छा है।

क्या हाइड्रोपोनिक्स में जैविक खेती की जा सकती है?

हाँ, आप जैविक पोषक तत्वों का उपयोग करके जैविक खेती कर सकते हैं।

https://shop.gramik.in/

Post Views: 52

Share Your Post on Below Plateforms

About the author

Gramik

Leave a Comment

WhatsApp Icon