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किसान खेती में उर्वरकों का प्रयोग इसलिए करते हैं ताकि फसल से अच्छी उपज प्राप्त कर सके। ऐसे में बुआई के समय खाद की बढ़ती मांग को देखते हुए इसमें आजकल इसमें काफी मिलावट देखने को मिल रही है। असली खाद में आई कमी के कारण कई खाद डीलर मिलावटी या फिर नकली खाद बेचते हैं, जिसका बुरा असर प्रकृति और उत्पादन दोनों पर पड़ता है।
ऐसे में इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम असली और नकली खाद की पहचान कर सकें। तो चलिए ग्रामिक के इस ब्लॉग में जानते हैं कि असली व नकली खाद की पहचान कैसे करें।
1.उचित लेबलिंग और पैकेजिंग की जांच करें
असली खाद आमतौर पर उचित लेबल वाली पैकेजिंग में आती है, जिसमें महत्वपूर्ण जानकारी जैसे ब्रांड का नाम, निर्माता का पता, पोषक तत्वों की संरचना, उपयोग करने का निर्देश, बैच या लॉट नंबर और समाप्ति तिथि शामिल होती है। नकली खाद में आमतौर पर इन चीजों की कमी होती है। ऐसे में खरीदने से पहले ध्यान रखें कि उर्वरक की पैकेजिंग पर ये सारी जानकारी दी गई हो।
2.निर्माता की जांच करें
किसान साथी हमेशा प्रतिष्ठित निर्माताओं या अधिकृत डीलरों से खाद खरीदें। उत्पाद की पुष्टि करने या अधिकृत विक्रेताओं की सूची प्राप्त करने के लिए निर्माता की वेबसाइट देखें या उनसे सीधे संपर्क करें।
3.बनावट को ध्यान में रखें
खाद की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओं की जांच करें। सही उर्वरकों में आम तौर पर एक समान बनावट, रंग और आकार होता है। यदि खाद में एक असामान्य बनावट, असामान्य रंग, या अत्यधिक धूल होती है, तो हो सकता है कि यह नकली उत्पाद हो।
4.गंध का आंकलन करें
असली उर्वरकों में अक्सर एक अलग लेकिन तेज गंध नहीं होती है। वहीं अगर खाद में असामान्य रूप से तेज या अलग गंध है, तो यह नकली उत्पाद का संकेत हो सकता है। इसलिए किसान साथी असली उर्वरक की पहचान करने के लिए गंध का आंकलन ज़रूर करें।
5.घुलनशीलता की जांच करें
उर्वरक की घुलनशीलता की जांच करने के लिए खाद की थोड़ी मात्रा को पानी में घोलें। असली उर्वरक के न्यूनतम अवशेषों को छोड़कर, आसानी से घुलना चाहिए। नकली खाद धीरे-धीरे घुल सकते हैं, एक महत्वपूर्ण अवशेष छोड़ सकते हैं, या पानी के साथ मिश्रित होने पर असामान्य प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकते हैं।
6.पोषक तत्व की मात्रा का परीक्षण करें
खाद की पोषक सामग्री का परीक्षण करने से नकली उत्पादों की पहचान करने में मदद मिल सकती है। यह प्रयोगशाला विश्लेषण के माध्यम से या पोर्टेबल पोषक तत्व परीक्षण किट का उपयोग करके किया जा सकता है। स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए खाद लेबल पर दावा किए गए पोषक तत्वों की संरचना के साथ परीक्षण के परिणामों की तुलना करें।
7.विशेषज्ञ की सलाह लें
यदि आपको खाद उत्पाद की प्रामाणिकता के बारे में किसी तरह का संदेह है, तो उर्वरकों में विशेषज्ञता रखने वाले कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क करें, और असली या नकली उर्वरक की पुष्टि करें।
कुछ उर्वरकों की विशेषता व असली होने की पहचान:
यूरिया (Urea)
यूरिया की असली पहचान है कि इसके दाने सफेद चमकदार समान आकार के व कड़े होते हैं। असली यूरिया पानी में पूरी तरह घुल जाती है, और छूने पर ये काफ़ी ठंडी लगती है। असली यूरिया को तवे पर गर्म करने से इसके दाने पिघल जाते हैं, और अगर हम आंच तेज कर दें और इसका कोई अवशेष न बचे तो समझ लें यही असली यूरिया है।
डीएपी (DAP)
डीएपी (DAP) के कुछ दानों को हाथ में लेकर तम्बाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलने पर अगर उसमें से तेज गंध निकले, तो ये डीएपी के असली होने की पहचान है।
डीएपी को पहचानने की एक और आसान विधि है, वो ये कि अगर आप डीएपी के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें, अगर ये दाने फूल जाते है तो समझ लें ये खाद असली है। असली डीएपी पहचानने के एक अन्य तरीके के बारे में बात करें तो है।
इसके दाने कठोर भूरे, काले एवं बादामी रंग के होते है और नाखून से आसानी से नहीं टूटते हैं।
सुपर फास्फेट (Superphosphate)
सुपर फास्फेट की असली पहचान है कि इसके दाने सख्त, रंग में भूरे, काले, बादामी रंग के होते हैं। असली नकली खाद की पहचान करने के लिए इसके कुछ दानों को गर्म करें। अगर ये नहीं फूलते है तो समझ लें ये असली सुपर फास्फेट है।
ध्यान रखें कि गर्म करने पर डीएपी व अन्य काम्प्लेक्स के दाने फूल जाते है जबकि सुपर फास्फेट के दाने नहीं फूलते हैं। इस प्रकार इसकी मिलावट की पहचान आसानी से की जा सकती है। सुपर फास्फेट को आप अपने नाखूनों से आसानी से नहीं तोड़ सकते। ध्यान रखें इस दानेदार उर्वरक में कई बार डीएपी व एनपीके मिला हो सकता है।
पोटाश (Potash)
असली पोटाश सफेद एवं लाल मिर्च पाउडर जैसा होता है। असली पोटाश के दाने में नमी होने पर या उसमें पानी मिलाने पर आपस में चिपकते नहीं है तो पोटाश असली होता है। इसका दूसरा तरीका यह है कि पोटाश में पानी मिलाने पर इसमें उपस्थित लाल दाने पानी की उपरी सतह पर तैरने लगते है तो समझना चाहिए कि पोटाश असली है।
जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate)
जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate) की असली पहचान ये है कि इसके दाने हल्के सफेद पीले और भूरे बारीक कण के आकार के होते हैं। जिंक सल्फेट में प्रमुख रूप से मैगनीशियम सल्फेट की मिलावट की जाती है।
अगर आप जिंक सफेट के घोल मे पलती कास्टिक का घोल मिलाएं तो सफेद मटमैला मांड जैसा अवशेष बनता है। अगर इसमें गाढ़ा कास्टिक का घोल मिला दें तो ये अवशेष पूरी तरह घुल जाता है। यही असली जिंक सल्फेट होने की पहचान है।
FAQ
मृदा परीक्षण के आधार पर संतुलित रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है, और गुणवत्तायुक्त फसल उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होती है।
रासायनिक खाद के उपयोग से खेत की मिट्टी में अम्ल की मात्रा बढ़ने के साथ अब जिंक और बोरान जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसका दुष्प्रभाव मिट्टी पर तो पड़ ही रहा है, साथ ही इससे मनुष्य का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
नकली व मिलावटी उर्वरक प्रयोग करने से फसल की उत्पादकता में 50 से 60 फीसद की कमी आ सकती है, क्योंकि इससे भूमि को जो तत्व उर्वरक से मिलने चाहिए वह न मिल पाने से भूमि की उर्वरा शक्ति पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
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