टमाटर की खेती किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक बेहतर जरिया है, क्योंकि टमाटर की खेती एक व्यवसाय के रूप में अपना स्थान रखती है। टमाटर की कई ऐसी किस्मे विकशित की गई है जिसमे न ज्यादा कीट का प्रकोप होता हैं और न ही ज्यादा रोग का प्रकोप होता है. इन किस्मों की खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक होता है. कीट और रोग न लगने से किसनों को कीट और रोग पर लगने वाला खर्च बच जाता है. इस वजह से किसनों को ज्यादा मुनाफा होता है। टमाटर की कई ऐसी किस्मे है जिसमे अच्छी भंडारण क्षमता है अच्छी भंडारण क्षमता वाली किस्मों को टमाटर की अधिक उत्पादन होने पर इसे भंडारित कर, टमाटर के अनुपलब्धता के समय मे इसे बेचकर अतिरिक्त मुनाफा कमाया जा सकता है।
- इस किस्म के पके फल लाल, चमकदार तथा मध्यम आकार के होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 60 से 70 दिन पर की जाती है।
- फल का वजन 80 से 100 ग्राम तक होता है।
- ‘लंबी दूरी की मार्केटिंग के लिए उत्तम मानी जाती है।
- TLCV रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है।
- औसतन पैदावार 250 से 300 क्विंटल प्रति एकड़ तक प्राप्त हो जाती है।
- Syngenta- TO 8011
- इस किस्म के फल एक समान, गोल तथा चमकदार लाल होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 55 से 60 दिन पर की जाती है।
- फल का वजन 80 से 100 ग्राम तक होता है।
- औसतन पैदावार 250 से 300 क्विंटल प्रति एकड़ तक प्राप्त हो जाती है।
- Syngenta – ROCKY
- यह अधिक पैदावार वाली अगेती उन्नत किस्म है। फल एक समान, लाल, चमकदार तथा चौकोर अंडाकार होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 55 से 60 दिन पर की जाती है।
- फल का वजन 80 से 100 ग्राम तक होता है। लंबी दूरी की मार्केटिंग के लिए उत्तम मानी जाती है।
- औसतन पैदावार 250 से 300 क्विंटल प्रति एकड़ तक
- VNR – JULIE
- यह अच्छी पैदावार वाली अगेती किस्म है।
- फल एक समान, लाल तथा गोल होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 55 से 60 दिन पर की जाती है। • फल का वजन 80 से 85 ग्राम तक होता है।
- TLCV के रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है।
- लंबी दूरी की मार्केटिंग के लिए उत्तम मानी जाती है।
- खेती रबी, खरीफ तथा जायद में की जाती है।
- VNR – ARUN
- इस किस्म के फल गोल, चमकदार, लाल तथा एक समान आकार के होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 55 से 60 दिन पर की जाती है।
- फल का वजन 80 से 85 ग्राम तक होता है।
- अगेती झुलसा रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है।
- खेती भारत के सभी राज्यों में की जा सकती है।
- Shreeram-123
- इस किस्म के फल गोल, लाल तथा एक समान आकार के होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 58 से 65 दिन पर की जाती है। फल का वजन 75 से 80 ग्राम तक होता है।
- अगेती झुलसा रोग के प्रति सहिष्णु के किस्म है।
- खेती खरीफ तथा रबी सीजन में की जाती है।
- खेती भारत के सभी राज्य में की जाती है।
- Shreeram – Bali
- इस किस्म के फल गहरे लाल तथा गोलाकार के होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 65 से 70 दिन पर की जाती है।
- फल का वजन 80 से 90 ग्राम तक होता है।
- गर्म तापमान के प्रति सहिष्णु के किस्म है।
- खेती खरीफ सीजन में की जाती है।
- खेती मुख्य तौर पर राजस्थान में की जाती है।
- Seminis – Abhiraj
- इस किस्म के फल गोल तथा गहरे लाल होते हैं।
- पौधे मजबूत तथा मध्यम फैलावदार होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 60 से 65 दिन पर की जाती है।
- फल का वजन 90 से 100 ग्राम तक होता है।
- खेती खरीफ तथा बरसाती सीजन में की जाती है।
- खेती भारत के सभी राज्यों में की जा सकती है।
- Seminis Pranay
- यह जल्द पककर तैयार होने वाली उन्नत किस्म है।
- फल आकर्षक तथा गोलाकार के होते हैं।
- पौधे मजबूत तथा फैलावदार होते हैं। फल का वजन 80 से 90 ग्राम तक होता है।
- खेती बरसाती सीजन में की जाती है।
- Nuziveedu – Surya
- अधिक पैदावार वाली अगेती उन्नत किस्म है। फल चपटे गोल तथा गहरे लाल होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 65 से 70 दिन पर की जाती है।
- फल का वजन 90 से 100 ग्राम तक होता है।
- लंबी दूरी की मार्केटिंग के लिए उत्तम मानी जाती है।
- TLCV तथा अगेती झुलसा रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है।
- खेती रबी, खरीफ तथा जायद में की जाती है।
- Nuziveedu – Abhijay
- इस किस्म के फल चपटे गोल तथा गहरे लाल होते हैं।
- पौधे मजबूत तथा फैलावदार होते हैं।
- फल की पहली तुड़ाई 65 से 70 दिन पर की जाती है।
- फल का वजन 90 से 100 ग्राम तक होता है। TLCV तथा गर्म तापमान के प्रति सहिष्णु किस्म है।
- इसका प्रयोग मुख्य तौर पर सलाद के लिए किया जाता है।
- खेती सभी राज्यों में की जाती है।
Note – टमाटर की फसल में लगे रोगों और कीटों की पहचान और नियंत्रण के लिए क्लिक करें
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