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धान की फसल में कीट और रोग – पहचान, लक्षण और नियंत्रण के असरदार उपाय

धान की फसल में कीट और रोग
Written by Gramik

धान की फसल में कीट और रोग किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुके हैं। ये कीट और रोग न केवल फसल की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, बल्कि उत्पादन में भी भारी कमी ला सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे धान की फसल में पाए जाने वाले प्रमुख कीट और रोग, उनके लक्षण, पहचान के तरीके, और प्रभावी नियंत्रण उपाय।

धान की फसल में कीट और रोग की पहचान क्यों जरूरी है?

धान की फसल में कीट और रोग समय पर पहचान नहीं होने पर पूरे खेत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। समय रहते सही निदान और उपचार से किसान अपनी फसल को बचा सकते हैं और उत्पादन बढ़ा सकते हैं।

स्वस्थ फसल की नींव: इनिशियल स्टेज में जैविक पोषण का महत्व

धान की अच्छी शुरुआत के लिए जरूरी है कि पौधों को शुरुआती अवस्था में सही पोषण मिले। इनिशियल स्टेज (Incical Stage) में Solio Gold Fermented Organic Manure का उपयोग बहुत लाभकारी होता है।

➤ Solio Gold के फायदे:

  • जैविक रूप से किण्वित खाद जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है
  • पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाती है
  • जड़ों की बेहतर वृद्धि और पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण सुनिश्चित करती है
  • रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करती है

उपयोग विधि: बुवाई के समय या नर्सरी ट्रांसप्लांट के दौरान प्रति एकड़ उचित मात्रा में मिलाएं।

धान की फसल में प्रमुख कीट (Pests)

1. तना छेदक कीट (Stem Borer)

लक्षण:

  • पौधों का पीला पड़ना
  • मध्य पत्ती का सुख जाना और आसानी से खिंच जाना (Dead heart)
    नियंत्रण:
  • फेरोमोन ट्रैप का उपयोग
  • कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4G का छिड़काव

2. गंधी कीट (Rice Bug)

लक्षण:

  • दानों में काले धब्बे
  • दानों का सूखना
    नियंत्रण:
  • नीम के अर्क का छिड़काव
  • मेटासिस्टॉक्स 25 EC का उपयोग

3. पत्ती मोड़क कीट (Leaf Folder)

लक्षण:

  • पत्तियों का मोड़ना और अंदर से खाना
    नियंत्रण:
  • ट्राइजोफोस 40 EC या क्विनालफॉस का छिड़काव
धान की फसल में कीट और रोग

धान की फसल में प्रमुख रोग (Diseases)

1. ब्लास्ट रोग (Blast Disease)

लक्षण:

  • पत्तियों पर सफेद और भूरे रंग के धब्बे
  • गर्दन ब्लास्ट के कारण बालियां गिर जाती हैं
    नियंत्रण:
  • ट्राइไซक्लाजोल 75 WP या कार्बेन्डाजिम का छिड़काव

2. झुलसा रोग (Sheath Blight)

लक्षण:

  • पत्तियों और तनों पर पानी जैसे धब्बे
  • बाद में ये धब्बे भूरे और सड़ने लगते हैं
    नियंत्रण:
  • हेक्साकोनाजोल या प्रोपिकोनेजोल का छिड़काव

3. भूरा धब्बा रोग (Brown Spot)

लक्षण:

  • पत्तियों पर गोल और भूरे धब्बे
  • पौधों का कमजोर विकास
    नियंत्रण:
  • बीज उपचार और फसल चक्र का पालन

धान की फसल में कीट और रोग से बचाव के उपाय

  1. बीज का उपचार करें (कार्बेन्डाजिम या थायरम से)
  2. फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाएं
  3. खेत की सफाई और जल निकासी सही रखें
  4. जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें
  5. इनिशियल स्टेज में Solio Gold का प्रयोग करें
  6. समय-समय पर निगरानी रखें और शुरुआत में ही लक्षण पहचानें

धान की फसल में कीट और रोग से निपटना तभी संभव है जब किसान समय पर इनकी पहचान कर लें और उचित नियंत्रण उपाय अपनाएं। जैविक पोषण से लेकर कीटनाशक और आधुनिक तकनीकों का संतुलित उपयोग फसल को स्वस्थ रखने और उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।

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