Animal Husbandry

नाबार्ड पशुपालन लोन : पशुपालन के लिए मिल रहा 12 लाख तक का लोन! जानें पूरी प्रक्रिया!

नाबार्ड पशुपालन लोन
Written by Gramik

प्रिय पाठकों, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है!

खेती-क‍िसानी के साथ-साथ पशुपालन भी क‍िसानों की जीव‍िका का एक प्रमुख साधन है। दुग्ध उत्पादन के लिए गाय और भैंस में से किस पशु का पालन करना चाहते हैं, इसका निर्धारण बाजार की मांग के आधार पर करें।

हमेशा गाय भैंस की ऐसी नस्लों का चुनाव करें जोकि उनके क्षेत्र और जलवायु के दृष्टिकोण से उपयुक्त हैं। पशुपालन करने के ल‍िए सरकार आर्थ‍िक सहायता भी देती है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) इसके ल‍िए एक प्रमुख योजना चलाता है।

नाबार्ड पशुपालन लोन

नाबार्ड पशुपालन लोन योजना क्या है? 

नाबार्ड पशुपालन लोन योजना के अंतर्गत लोन की राशि आवेदक की ज़रूरत के हिसाब से निर्धारित की जाती है। पशु खरीदने के लिए ऋण की राशि 50 हजार रुपये से 12 लाख रुपये तक होती है। डेयरी फार्मिंग के लिए ऋण की राशि 10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक हो सकती है। 

आपको बता दें क‍ि नाबार्ड पशुपालन लोन योजना के अंतर्गत दो तरह के लोन दिए जाते हैं। पहला है पशु क्रय ऋण, ज‍िसके अंतर्गत पशुओं की खरीददारी करते के लिए लोन द‍िया जाता है। दूसरा लोन है डेयरी फार्मिंग के लिए, ज‍िसके अंतर्गत डेयरी फार्मिंग के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और उपकरणों की खरीद के लिए एक निर्धारित राशि दी जाती है।

नई योजना में दोगुनी हुई लोन की राशि

पशुओं की खरीददारी व डेयरी व्यवसाय स्थापित करने के लिए अब तक पशुपालक साथियों को 5 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता था। नई योजना के अंतर्गत ये लोन की राशि बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। यही नहीं, डेयरी व्यवसाय स्थापित करने के ल‍िए मिलने वाले अनुदान को अब  25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर द‍िया गया है, जिससे पशुपालन से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सकें।

अब पशुपालन के लिए 12 लाख रुपये का लोन दिया जायेगा, जिसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी राशि भी दी जाएगी। आपको बता दें कि इस कदम से पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे डेयरी उद्योग को गति मिल सकेगी। इसके साथ ही इस पहल से पशुपालन व डेयरी क्षेत्र में काम करने वाले किसानों को रोजगार के भी अवसर मिलेंगे। 

नाबार्ड पशुपालन लोन

इस लोन में क‍ितना लगता है ब्याज  

इस योजना के तहत मिलने वाले लोन पर ब्याज की बात करें तो नाबार्ड पशुपालन लोन योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋण की ब्याज दर 6.5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत प्रति वर्ष तक है। ऋण लौटाने की अवधि की बात करें, तो ये 10 साल तक होती है। नाबार्ड पशुपालन लोन योजना के तहत, SC/ST आवेदकों को 33.33 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। वहीं अन्य कैटेगरी में आने वाले आवेदकों को 25 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है।

नाबार्ड पशुपालन लोन के लिए ज़रूरी चीज़ें 

  • आवेदन पत्र
  • पहचान प्रमाण पत्र
  • आवेदक का पता प्रमाण पत्र 
  • आवेदक का आय प्रमाण पत्र 
  • पशुपालन व्यवसाय की प्लान‍िंग

आप ये आवेदन पत्र नाबार्ड की वेबसाइट या किसी भी नाबार्ड-प्रायोजित बैंक से ले सकते हैं। इस आवेदन पत्र को भरकर सभी ज़रूरी दस्तावेज संलग्न करके संबंधित बैंक में जमा करें।

नाबार्ड पशुपालन लोन का उद्देश्य 

नाबार्ड पशुपालन लोन योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर लाना, डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना और किसानों की आय बढ़ाना है। इसके अंतर्गत किसानों को कम ब्याज दरों पर लोन की राशि म‍िल जाती है। आपको बता दें कि इसके ल‍िए आवेदक का ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होना जरूरी है, साथ ही डेयरी फार्मिंग शुरू करने के ल‍िए आपके पास पर्याप्त जमीन होना व इस व्यवसाय की जानकारी होना अनिवार्य है।

नाबार्ड पशुपालन लोन

नाबार्ड पशुपालन लोन की आवेदन प्रक्रिया

नाबार्ड पशुपालन लोन के लिए आवेदन करने से पहले आपको ये समझना ज़रूरी है कि आप किस तरह का डेयरी फॉर्म खोलना चाहते हैं। आप नाबार्ड योजना के तहत डेयरी फार्म की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके ल‍िए अपने जनपद के नाबार्ड दफ्तर में जा सकते हैं।

वहीं अगर आप छोटा डेयरी फॉर्म खोलना चाहते हैं तो अपने नजदीकी बैंक में जाकर इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं। बैंक में आप सब्सिडी फॉर्म भर कर अप्लाई कर सकते हैं। आपको बता दें कि लोन की राशि बड़ी है तो इसके लिए आपको प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करनी होगी।

इस योजना से संबंध‍ित अधिक जानकारी के ल‍िए आप नाबार्ड की हेल्पलाइन 022-26539895/96/99 पर संपर्क कर सकते हैं।

FAQ

पशुपालन के लिए कौन सी प्रमुख योजनाएं चलाई जा रही हैं?

पशुधन बीमा योजना
चारा एवं चारा विकास योजना
पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना
राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना

अधिक मुनाफे के लिए किन पशुओं को पालें 

अधिक आमदनी के लिए आप डेयरी पशुओं यानि गाय भैंस पालन कर सकते हैं। इसके अलावा बकरी पालन व मछली पालन आदि भी मुनाफे वाले व्यवसाय हो सकते हैं।

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