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प्याज की खेती करने वाले किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती होती है, वो ये कि यदि वे अच्छे दाम के इंतज़ार में उसे लंबे समय तक स्टोर करते हैं तो उसका काफी हिस्सा पांच महीने में ही खराब हो जाता है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी ICAR के वैज्ञानिकों की मानें तो भंडारण के दौरान कम से कम 30-40 प्रतिशत प्याज खराब हो जाती है। ये समस्या कुछ रोग या फफूंद लगने के कारण होती हैं, जिनमे ब्लैक मोल्ड व बॉट्रायटिस नेक रॉट प्रमुख रूप से घातक माने जाते हैं।
चलिए ग्रामिक के इस ब्लॉग में सुरक्षित प्याज भंडारण के उपाय जानते हैं।
किस सीजन की प्याज स्टोर करें?
भारत में प्याज की उपज की बात करें तो देश में लगभग 70 प्रतिशत प्याज की खेती रबी सीजन में होती है। ये प्याज अप्रैल से मई तक तैयार होता है और नवंबर तक चलता है। स्टोर करने के लिए यही प्याज सबसे अच्छा माना जाता है।
जबकि खरीफ में उगाए जाने वाले प्याज की शेल्फ लाइफ कम होती है, इसलिए ये स्टोर करने लायक नहीं होता है। हालांकि जिन किसानों के पास प्याज के भंडारण की व्यवस्था होती है, वे दो फफूंदों से बचाव करके प्याज को खराब होने से काफी हद तक बचा सकते हैं।
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ब्लैक मोल्ड
ब्लैक मोल्ड प्याज में स्टोरेज के दौरान होने वाला एक गंभीर रोग है, जो एस्परजिलस नाइजर नामक मृतोपजीवी कवक से फैलता है। इस रोग के संक्रमण वाले भाग में सफेद माइसिलीयम दिखाई देने लगता है, और बाद में ये घने काले घेरे बना लेता है। संक्रमण ज्यादा बढ़ने पर कंद की पूरी सतह के साथ-साथ आंतरिक परतों पर भी काले रंग का घेरा बन जाता है।
प्रबंधन
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार फसल उखाड़ने के 20 से 25 दिन पहले कार्बण्डाजिम 0.1 प्रतिशत या कार्बण्डाजिम + मैन्कोजेब 0.2 प्रतिशत का छिड़काव करें।
भंडारगृह में क्लोरोपायरीफॉस 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करें। इसके बाद प्याज के कंदों को 37.8° सेल्सियस तापमान व 36 प्रतिशत आर्द्रता पर व्यवस्थित रूप से सुखाकर 30° सेल्सियस व 50 प्रतिशत आर्द्रता पर स्टोर करें। इसके साथ ही स्टोर रूम में पर्याप्त मात्रा में हवा आती रहे, इसका भी प्रबंधन करें।
बॉट्रायटिस नेक रॉट
बॉट्रायटिस नेक रॉट भी भंडारण के दौरान ही प्याज में लगने वाला रोग है। आपको बता दें कि स्टोर करने के बाद 90 प्रतिशत प्याज इसी रोग के कारण खराब होती है। इस रोग से प्रभावित हिस्से का प्याज मुलायम होने लगता है, फिर ये सड़न कुछ ही समय में पूरे प्याज में फैल जाती है। सक्रमित प्याज को काटने के बाद इसमें भूरे रंग के जल भराव वाले टिश्यू दिखाई देते हैं।
प्रबंधन
इसके प्रबंधन के लिए फसल उखाड़ने के पहले बेनलेट 0.1 प्रतिशत या कार्बण्डाजिम 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करें। इसके बाद स्टोर रूम में क्लोरोपायरीफॉस या कार्बण्डाजिम का छिड़काव करके इसे संक्रमण मुक्त कर लें।
अब भंडारण से पहले कंदों को 32-34 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सुखाएं, साथ ही सड़े व कटे हुए प्याज को अलग कर लें। इस तरह प्याज को स्टोर करने के बाद भंडारण की गई जगह पर पर्याप्त हवा मिलती रहे, उसका भी इंतजाम करें।
प्याज को सड़ने से बचाने के 5 अन्य टिप्स
1. सूखी जगह चुनें-
प्याज को सड़ने से बचाने के लिए इसे सूखी जगह पर स्टोर करें। दरअसल, प्याज में यदि थोड़ा सा भी पानी लग जाए, या फिर नमी वाली जगह पर रखी जाए तो इसके सड़ने की संभावना काफी बढ़ जाती है, इसलिए प्याज के भंडारण के लिए नमी रहित जगह का चुनाव करें।
2. पेपर बैग का प्रयोग करें-
प्याज लंबे समय तक ताजी बनी रहे इसके लिए इसे पेपर बैग में स्टोर करना सबसे अच्छा होता है। लेकिन ध्यान रहे कि प्याज को पेपर बैग में रखने से पहले इसमें एक या दो छेद कर लें, फिर इसे अंधेरी जगह पर रख दें।
3. ठंडी जगह पर भंडारण करें-
प्याज को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए किसान साथी ठंडी जगह का चुनाव करें।
4. नायलॉन स्टॉकिंग्स भी है अच्छा विकल्प –
प्याज लंबे समय तक सुरक्षित रहे इसके लिए आप इसे नायलॉन स्टॉकिंग्स में भी स्टोर कर सकते हैं। ध्यान रहे कि पहले प्याज को थोड़ा सुखा लें, इसके बाद ही भंडारण करें।
5. प्याज को खुली टोकरी में रखें –
प्याज को सड़ने से बचाने का एक विकल्प उसे खुली टोकरी में रखना भी हो सकता है। इसलिए आप प्याज को पॉलिथीन में रखने की जगह बांस या प्लास्टिक की टोकरी में रख सकते हैं।
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FAQ
प्याज की खेती खरीफ व रबी दोनों सीजन में की जाती है।
महाराष्ट्र में प्याज का सबसे अधिक उत्पादन होता है। ये राज्य देश का कुल 42.73 फीसदी प्याज उगाता है।
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