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दोस्तों, क्या कभी आपने लाल मूली (फ्रेंच मूली) खाई है? अगर नहीं, तो आप भी खाइए और इसे उपजाकर बाकियों को भी खिलाइए, क्योंकि ये मूली सामान्य मूली की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होती है। लाल मूली बड़े स्टोर व मॉल में अच्छी कीमत में बिकती हैं, जिससे किसानों को सीधा मुनाफा होता है।
फ्रेंच मूली की खेती क्यों करें?
आज के समय में बहुत सारी सब्जियां ऐसी होती हैं, जो ऑफ सीजन यानि बेमौसम भी बाज़ार में मिल जाती हैं। हालांकि, कुछ सब्जियों की मांग सर्दी के मौसम में सबसे ज़्यादा होती है, जिनमें से एक है मूली।
हमारे घरों में मूली का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है, फिर बात चाहे इसका सलाद बनाने की हो, या फिर सब्जी या अचार बनाने की। हालांकि बाजार में सफ़ेद मूली ज़्यादा दिखती है, लेकिन अब लाल मूली भी देखी जा सकती है। इस मूली को फ्रेंच मूली भी कहा जाता है, जिसे लोग बड़े चाव से हाथों-हाथ ख़रीद लेते हैं।
फ्रेंच मूली दिखने में जितनी आकर्षक और सुंदर होती है, खाने में ये उतनी ही स्वादिष्ट और सेहदमंद होती है। विशेष रूप से सलाद में इसका ख़ूब इस्तेमाल होता है। ऐसे में अगर आप किसान हैं तो आप अपने खेतों में फ्रेंच मूली की खेती कर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं, और बाज़ार में इसकी मांग पूरी कर सकते हैं।
जी हां, बाज़ार में अभी इसकी उपलब्धता कम ही देखी जाती है, इसलिए इससे आपको सफेद मूली की तुलना में अधिक मुनाफा होगा।
फ्रेंच मूली की खेती कैसे की जाती है?
फ्रेंच मूली की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। इस मूली की बुआई के लिए सबसे पहले खेत की दो से तीन बार जुताई करके मिट्टी को मिट्टी को अच्छी तरह से भुरभुरा कर लिया जाता है। फिर मेड़ बनाकर लाल मूली की बुआई की जाती है।
आपको बता दें कि मूली की बुआई से पहले खेत में आवश्यकता के अनुसार गोबर की खाद का इस्तेमाल ज़रूर करें। आप इसकी जगह वर्मी कंपोस्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑर्गेनिक खाद के इस्तेमाल से आप प्रति एकड़ मूली की खेती से 54 क्विंटल तक की उपज ले सकते हैं।
फ्रेंच मूली की खेती के लिए कौन सा मौसम उपयुक्त होता है?
इस मूली की खेती के लिए सर्दियों का मौसम सबसे उपयुक्त माना जाता है। सितंबर महीने से लेकर फरवरी तक आप इसकी बुआई कर सकते हैं। वहीं, अगर कई गुना ज़्यादा मुनाफा चाहिए, तो आप पॉलीहाउस या लो टनल तकनीक के ज़रिए मूली की खेती कर सकते हैं।
अब बात अगर लाल मूली के बीज खरीदने की की जाए, तो आपको ऑनलाइन ही कई उन्नत किस्मों के बीज मिल जायेंगे। वहीं, भारत में लाल मूली की पूसा मृदुला किस्म तैयार की गई है, जो बुआई के लगभग 50-60 दिनों में तैयार हो जाती है।
फ्रेंच मूली की अधिक मांग क्यों रहती है?
फ्रेंच मूली (लाल मूली) की अधिक मांग इसलिए रहती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं। वहीं स्वाद के मामले में ये हल्की तीखी होती है, और बहुत पौष्टिक होती है। बाकी ढिखने में आकर्षक होने के कारण भी लोग इसका खूब इस्तेमाल करते हैं।
खैर फ्रेंच मूली की खेती अभी बहुत कम पैमाने पर की जा रही है, इसलिए किसानों के पास अच्छा मौका है, कि सफेद मूली की जगह लाल मूली की खेती करके कई गुना अधिक आमदनी पा सकते हैं।
इसके मार्केट रेट की बात करें तो बाजार में सफेद मूली ज़्यादा से ज़्यादा 50 रुपये प्रति किलो तक में बिकती है। वहीं, एक किलो फ्रेंच मूली, यानि लाल मूली का मूल्य 500 से 800 रुपये प्रति किलो तक भी चला जाता है।
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