Animal Husbandry

Cattle Diseases: पशुओं में पाचन संबंधी बीमारियां, कारण व उपचार!

Cattle Diseases: पशुओं में पाचन संबंधी बीमारियां, कारण व उपचार!
Written by Gramik

प्रिय पाठकों, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है!

जैसे इंसानों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ पाचन तंत्र बेहद आवश्यक है, ठीक उसी तरह पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनका पाचन तंत्र भी ठीक होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि पाचन संबंधी बीमारियां (Cattle Diseases) होने पर पशु की दुग्ध उत्पादन क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

चूंकि कई बार बाहर से इसके लक्षण दिखाई नहीं देते ऐसे में पशुपालक साथी नहीं जान पाते कि उनके पशु का पाचन तंत्र ठीक से काम कर रहा है या नहीं।

पशुओं में पाचन संबंधी बीमारियां

तो चलिए इस ब्लॉग में आज हम आपको पशुओं के पाचन तंत्र (Digestive Disease in Cattle) से जुड़ी कुछ बीमारियों व उनसे बचाव के बारे में बताते हैं।

1- चारा खाने में रुचि ना लेना

पशुओं का चारा खाने में रुचि न लेना पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करने का एक अहम संकेत है।

कारण

  • पशु के पेट में कीड़े होना।
  • शरीर के किसी अन्य भाग में बीमारी होना, जैसे- निमोनिया, बच्चेदानी का संक्रमण आदि।
  • पशु के खून में संक्रमण होना, जैसे- सर्रा आदि।

उपचार

पशु चिकित्सक द्वारा पशु की जांच कराएं एवं कारण का पता लगा कर उचित इलाज कराएं। पशु को साल में दो बार पेट के कीड़े की दवा दें। इसके साथ ही पशुओं को गलघोंटू व मुॅंह-खुर के टीके समय पर लगवाएं, और उनके दाँतों व जबड़ों की अच्छी तरह से जाँच कराएं।

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2. पशु के मुँह से चारा गिरना

कारण

  • पशु की भोजन नली में कपड़े पालीथीन आदि फसना।
  • पशु में लकवा बीमारी होना।
  • पशु का अधिक अनाज खाना।
  • पशु में दाँतों का बढ़ना।
  • मुंह-खुर बीमारी से ग्रसित होना।
  • पशु के पेट में फोड़ा होना

उपचार

पशु के मुँह व गर्दन का एक्सरे कराकर बीमारी का कारण पता लगाएं, और कोई समस्या होने पर पशु चिकित्सक से उसका इलाज़ करवाएं। कई बीमारियों में ऑपरेशन ही एकमात्र इलाज होता है। ऑपरेशन के बाद सर्जन की सलाह के अनुसार ही पशु का खानपान व देखभाल करें।

3. पाईका

इस बीमारी में पशु कपड़े, बाल, पॉलिथीन, गोबर, मिट्टी आदि खाने लग जाते हैं।

कारण

  • पशु के शरीर में फॉस्फोरस की कमी हो जाना।

उपचार

पशु चिकित्सक की सलाह लेकर पशु को फॉस्फोरस के इंजेक्शन लगवाएं।

4. दस्त लगना

Cattle Diseases

प्रमुख लक्षण

पतला गोबर करना, पशु का कमजोर होना, आंखे अंदर धंसना, त्वचा का रूखापन, शरीर में पानी की कमी होना आदि दस्त के प्रमुख लक्षण हैं। दस्त के हानिकारक प्रभाव के कारण कई बार पशु ज्यादा कमजोरी और उचित इलाज के अभाव में मर जाते हैं।

कारण

  • पशु के पेट व आंतों में कीड़े होना।
  • आंतों में कीटाणु या विषाणुओं का संक्रमण होना जैसे आंतों की टी.बी.।
  • अधिक अनाज खिलाना।
  • पशु के चारे में अचानक बदलाव करना।

उपचार

दस्त ज़्यादा गंभीर होने पर पशु को नस में गलूकोज लगवाएं, और उसे आसानी से पचने वाला चारा खिलाएं। इसके साथ ही पशु के चारे में धीरे-धीरे एवं कम से कम 20 दिन में बदलाव करना चाहिए।

5. पशुओं में गोबर का बंधा पड़ना

लक्षण

पशु का कम मात्रा में या बिल्कुल भी गोबर न करना,  पेट फूलना, काले रंग का गोबर आना और उसमें जाले जैसा पदार्थ दिखाई देना व पशु द्वारा चारा खाना कम करना फिर धीरे-धीरे छोड़ देना आदि गोबर में बंधा पड़ने के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण

  • पशु द्वारा कपड़े, बाल, पालीथीन आदि खाने से पाचन तंत्र बाधित होना।
  • पशु के पेट व आंतों में संक्रमण होना।
  • पशु की आंतों का संकुचित होना।
  • पशु के पेट में कीड़े होना।

उपचार

कीटाणुओं के संक्रमण को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगवाएं। दवाओं से ठीक ना होने पर पशु को किसी सर्जन पशु चिकित्सक को दिखाएं, और उनकी सलाह के अनुसार ज़रूरत पड़ने पर पशु का ऑपरेशन कराएं, और उचित देखरेख करें।

6. अफारा आना

लक्षण

पशु के पेट का बांई तरफ से असामान्य रूप से फूल जाना या पशु का मुँह खोल कर सांस लेना अफारा आने के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण

  • पशु के पेट में कील, सूंई आदि चुभना।
  • पशु के शरीर में कीटाणुओं का संक्रमण होना।
  • भोजन नली का बाधित होना।
  • पशु द्वारा अत्याधिक अनाज, आटा आदि खाना।

उपचार

यदि कई दिनों से लगातार अफारा आ रहा हो तो पशु का एक्सरे करवाएं। कुछ मामलों में पशु दवाओं व उचित देखरेख से ही स्वस्थ हो जाते हैं। हालांकि ज़्यादा गंभीर समस्या होने पर आपरेशन द्वारा पेट में चुभे कील सूंई, तार, एवं अन्य वस्तुएँ जैसे पॉलिथीन, कपड़े आदि निकालने पड़ते हैं।

FAQs

गाय भैंस का दूध बढ़ाने के लिए क्या करें?

गाय भैंस में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए गेहूं का दलिया, गुड़, मेथी, कच्चा नारियल, जीरा व अजवाईन को एक साथ पका कर खिलाएं। इसके अलावा जल्दी दूध बढ़ोत्तरी के लिए आप अपने पशु को ग्रामिक के दूध सागर का भी सेवन करा सकते हैं।

गाय में कैल्शियम की कमी कैसे दूर करें?

कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए अपनी गायों के सींग न काटें, साथ ही गायों को दलहनी चारा, मक्के का चारा और कैल्शियम से भरपूर पेड़ के पत्ते खिलाएं। इसके अलावा आप अपने पशु को ग्रामिक कैल्शियम का भी सेवन करा सकते हैं, जो पशुओं को स्वस्थ रखने में विशेष कारगर है।

गाय-भैंस को नमक खिलाने से क्या होता है?

नमक के सेवन कराने से गाय-भैंसों की पाचन क्रिया बेहतर होती है। इससे पशुओं में भूख बढ़ती है, और संक्रमण का खतरा कम होता है।

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