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पूरी दुनिया में AI, यानि कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) अपना वर्चव बढ़ाने में लगा हैं। इसकी बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के 378 गांव में AI टेक्नोलॉजी की मदद से रोवर्स और ड्रोन के ज़रिए चकबंदी करने का फ़ैसला लिया गया है, इसके प्रस्ताव को राज्य सरकार ने भी हरी झंडी दिखा दी है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) क्या है?
चलिए पहले आपको बताते हैं,कि AI, यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) है क्या- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुवात साल 1950 में हुई थी। इसका मतलब है, बनावटी या टेक्नोलॉजी के तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।
AI एक ऐसी टेक्नोलॉजी (AI Technology) हैं, जो काफ़ी अपडेटेड और एनालिस्टिक है। ये किसी भी सूचना को काफ़ी कम समय में विश्लेषण कर लेने में सक्षम है, और AI अपने इन्ही तर्कसंगत और सटीक निष्कर्ष के लिए हर क्षेत्र में अहम बनता जा रहा है।
चलिए अब मुद्दे पर आते हैं। जानकारी के मुताबिक राज्य में इससे पहले 137 गांव में चकबंदी की अधिसूचना जारी हुई थी। फ़िर किसानों के कार्यों के हितों को देखते हुए इन्हें प्रकृति देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ब्लॉकचेन ड्रोन व रोवर सर्वे आधारित चकबंदी कराए जाने का निर्देश प्रस्तावित हुआ है।
AI (artificial intelligence) से कैसे आसान होगी चकबंदी?
सूत्रों के मुताबिक़ 378 गांव की चकबंदी की जाएगी । वही इनमे इनमें 15 जिलों के 51 गांव में पहले और 20 जिलों की 86 गांव में दूसरे चक्र में चकबंदी की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिसका मतलब ये है कि यदि बड़े स्तर पर जब चकबंदी की जाएगी, तो उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग आवश्यक रूप से किया जायेगा। इसमें ड्रोन रोवर ब्लाकचैन के जरिए चकबंदी की जाएगी।
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार के अनुसार सभी प्रस्ताव को शासन की अनुमति मिलने के बाद अधिसूचना जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा, हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ड्रोन रोवर ब्लॉकचेन के जरिए आसानी से और कम समय में चकबंदी कर देंगे।
आपको बताते चलें कि चकबंदी शब्द ‘चक’ और ‘बंदी’ शब्दों से मिलकर बना है। इसमें ‘चक’ का मतलब खेतों और ‘बंदी’ का मतलब बंदोबस्त करना होता है। यानि छोटे-छोटे जमीनों को मिलाकर एक बड़ा भूखंड या खेत तैयार किया जाता है।
दरअसल चकबंदी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत किसानों के इधर-उधर बिखरे हुए कृषि क्षेत्र को उनके आकार के आधार पर एक स्थान पर करके एक बड़ा चक बना दिया जाता है। इससे किसानों को खेती करने में आसानी के साथ ही उनके चकों की संख्या भी कम होती है।
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