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आज कल बहुत लोग किचन गार्डन में फल-फूल या औषधीय पौधे लगाने का शौक रखते हैं, लेकिन सही से देखभाल न हो पाने के कारण पौधे का उचित विकास नहीं हो पाता है। पौधे की ग्रोथ के लिए कई किस्म की खाद का इस्तेमाल किया जाता है।
केमिकल युक्त खाद डालने की वजह से कई बार पौधे मर भी जाते हैं। ऐसे में अगर आप पौधे की ग्रोथ को बढ़ाना चाहते हैं तो कोकोपीट खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ग्रामिक के इस ब्लॉग में जानें कोकोपीट खाद बनाने व इस्तेमाल करने का तरीक़ा!
कोकोपीट क्या होती है?
पौधों में कोकोपीट इस्तेमाल करने से पहले आप ये तो ज़रूर जानना चाहते होंगे, कि आखिर कोकोपीट क्या होता है और क्यों पौधे के लिए उपयुक्त माना जाता है। दरअसल, कोकोपीट को नारियल के छिलकों को पीसकर बनाया जाता है। इस खाद में पौधे के विकास के लिए कुछ अन्य पोषक तत्व भी मिलाए जाते हैं।
कोकोपीट खाद बनाने का तरीका
घर पर कोकोपीट बनाने के इच्छुक किसान कुछ स्टेप्स को अपना कर आसानी से और बहुत ही कम समय में अपने पौधों के लिए कोकोपीट खाद बना सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आप नारियल के कुछ छिलकों को इकट्ठा करके एक साफ़-सुथरी जगह पर रखकर तीन-चार दिनों तक धूप में रखें। उसके बाद उन छिलकों के कैंची से छोटे-छोटे टुकड़े कर लें।
फिर उन टुकड़ों को बारीक पीस लें, और इसका पावडर बना लें। अब इस पाउडर में पानी मिलाकर इसे 2-3 घंटे तक ऐसे ही छोड़ दें। फिर जब ये पाउडर अच्छे से पानी सोख ले तो,इसे निचोड़ लें। इससे अतिरिक्त पानी बाहर आ जाएगा, और इस तरह कोकोपीट खाद इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगा।
पौधों में कोकोपीट खाद डालने के लाभ
किचन गार्डन में कोकोपीट खाद इस्तेमाल करने के आपको कई सारे फायदे मिल सकते हैं। जैसे- कोकोपीट को पौधे में डालने से मिट्टी में नमी बनी रहती है, साथ ही इससे बीज या पौधे में फंगल रोग नहीं लगते हैं और बीज का विकास तेज़ी से होता है। कोकोपीट को मिट्टी में डालने से जंगली घास उगने की समस्या भी कम होती है।
ज्यादा पानी सोखने की क्षमता के कारण पौधे की मिट्टी में नमी बनी रहती है, जो पौधों के विकास के लिए विशेष लाभदायक होती है। इतना ही नहीं, कोकोपीट का इस्तेमाल करने से पौधे की जड़ों को भी मजबूती मिलती है।
कोकोपीट का प्रयोग करते समय न करें ये काम
आप जानते ही होंगे कि नारियल की खेती समुद्री क्षेत्रों में ज्यादा होती है और कोकोपीट बनाने के लिए समुद्री नमक का प्रयोग होता है। इसलिए किसी अन्य नमक से बनी खाद का इस्तेमाल न करें। कोकोपीट मिट्टी में डालने से पहले पानी में कुछ समय के लिए डुबोकर ज़रूर रखें।
जिस पानी में कोकोपीट को डालकर रखा हो, उस पानी का इस्तेमाल पौधों में न करें। किसान साथी इस बात का भी ध्यान रखें कि कोकोपीट का प्रयोग महीने में एक-दो बार से ज़्यादा न करें।
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FAQ
कोकोपीट नारियल के छिलके से बनाई गई एक खाद होती है, जो पौधों के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है।
कोकोपीट का इस्तेमाल ग्रीन हाउस, नर्सरी, किचन गार्डन, बीज रोपण, नये पौधे तैयार करने में किया जाता है। यह गमले वाले पौधे, इनडोर प्लांट्स, कैक्टस जैसे पौधों के लिए बेहद लाभदायक होता है।
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