Animal Husbandry Economy

ग्रामिक दूध सागर: दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन क्षमता को कई गुना बढ़ाए

ग्रामिक दूध सागर
Written by Gramik

प्रिय पाठकों, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है।

खेती-किसानी की तरह ही अब पशुपालन भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बनकर उभर रहा है। गाय-भैंस पालने से खेती के लिए जैविक खाद का इंतजाम भी हो जाता है, साथ ही दूध का व्यवसाय करके भी पशुपालक भाई अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। गाय-भैंसों में दुग्ध उत्पादन अच्छा हो और किसानों को अच्छा मुनाफा मिले, इसलिए ग्रामिक लाया है ‘दूध सागर’।

ग्रामिक दूध सागर

ग्रामिक दूध सागर की विशेषताओं व प्रयोग के दौरान ध्यान रखने वाली बातों के बारे में विस्तार से जानेंगे, लेकिन उससे पहले चलिए जान लेते हैं कि दुधारू पशुओं में दूध क्यों कम हो जाता है।

दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन में क्यों आती है कमी

दूध की बढ़ती मांग के बीच गांव में लोग पशुपालन को अपनी आजीविका का हिस्सा बना रहे हैं। ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को सभी ज़रूरी पोषण नहीं दे पाते हैं। ऐसे में पशुओं का शारीरिक विकास तो रूकता ही है साथ पशुओं में रोगी प्रतिरोधी क्षमता में भी कमी आ जाती है।

इसलिए पशुपालकों को पशु आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि पशु स्वस्थ रहे और उसका दूध उत्पादन प्रभावित न हो। संतुलित आहार पशुओं के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि संतुलित आहार पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता को तो बढ़ाता ही साथ पशुओं के स्वस्थ भी रखता है।

पशुपालक के पास जो उपलब्ध होता है वो ही खिला देता है। ऐसा बिल्कुल न करें। पशु विशेषज्ञों की मानें तो इस बिजनेस से मुनाफा कमाने के लिए पशुपालकों को पशुओं की सेहत पर खास फोकस करना चाहिए।इसके लिए पशुपालकों को पशुओं के खान-पान का ख्याल रखना होगा। साथ ही उन्हें दैनिक चारे के साथ साथ कुछ पोषण युक्त आहार भी देना चाहिए।

गाय भैंसों दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए ही ग्रामिक लाया है दूध सागर, जिसे खिलाने के बाद अब तक कई पशुपालक भाइयों ने ग्रामिक के साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा की। उन्होंने बताया कि पशुओं को ये पोषक आहार को खिलाने के बाद काफ़ी कम समय में दुग्ध उत्पादन में काफ़ी बढ़ोत्तरी हुई है, और पशुओं की पाचन क्रिया भी बेहतर हुई है।

दुधारू पशुओं को ग्रामिक दूध सागर खिलाने के फ़ायदे 

सबसे पहले ‘दूध सागर‘ के उपयोगिता की बात करें तो ये दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाने को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें आवश्यक विटामिन, एंजाइम, प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम, फास्फोरस, जस्ता और अन्य ज़रूरी पोषक तत्वों की सही मात्रा होती है। इसको सूखे पशुचारे के साथ इस्तेमाल करके मवेशी को खिलाया जा सकता है।

ग्रामिक दूध सागर

ख़ुराक

दुधारू पशुओं को प्रतिदिन 100 ग्राम की मात्रा में इसका सेवन करायें।

दूध सागर के प्रयोग में ध्यान रखने वाली बातें

चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार, ये उत्पाद मानव उपयोग के लिए नहीं हैं, न ही इनका इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाना चाहिए। इनका उपयोग केवल पशुओं के लिए किया जा सकता है।

  • ये पोषक आहार पशुओं को चारे पर छिड़काव करके खिलाएं 
  • ये पोषक आहार पशुओं को प्रतिदिन 100 ग्राम की मात्रा में दें 
  • इस्तेमाल के बाद पैकेट को अच्छी तरह से बंद करके इसे ठंडी व सूखी जगह पर रखें
  • ‘दूधसागर’ केवल गाय-भैंसों के इस्तेमाल के लिए है।
  • अच्छे परिणाम के लिए पशुओं को कीड़े की दवा खिलाने के बाद दूध सागर का सेवन कराएं
  • अच्छे परिणाम के लिए दूध सागर को ग्रामिक कैल्शियम आहार के साथ सेवन कराएं।

इन घरेलू उपायों से भी पशुओं में बढ़ेगा दूध

  • पशुओं में दूध की मात्रा कम होने पर उन्हें लोबिया घास खिलाएं। लोबिया घास में फाइबर, प्रोटीन और औषधीय गुण होते हैं, जो पशुओं में दूध की मात्रा बढ़ाते हैं।
  • दूध बढ़ाने और पशुओं की अच्छी हेल्थ के लिए अजोला घास भी खिला सकते हैं. ये घास पानी में उगाई जाती है। पोषण से भरपूर ये ग्रीन फीड पशुओं के लिए संजीवनी समान है।
  • रोजाना 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल और 250 ग्राम गेहूं का आटा लें। इसका मिश्रण बनाकर रख लें. शाम को जब पशु चारा पानी खा लें, तो ये मिश्रण 7-8 दिन तक लगातार पशु को खिलाएं।

ऐसे ऑर्डर करें ग्रामिक दूध सागर (How To Order Gramik Doodh Sagar)

आपके पशु के लिए कौन सा सप्लीमेंट ( Gramik Cattle Feed ) उपयोगी हो सकता है, इसके बारे में हमारे cattle feed expert से सलाह लेने के लिए 9513384750 पर कॉल करें।

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