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किसानों द्वारा उगाई गई फसलों की मांग देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में रहती है। इसमें से चावल भारत से सबसे अधिक निर्यात किया जाने वाला कृषि उत्पाद है। अगर आप भी चावल की खेती करते हैं आपके लिए एक रोचक खबर है। दरअसल विदेशों में भारत के बासमती चावल की मांग बढ़ गई है, वहीं टूटे चावल की निर्यात कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।
चलिए ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन चावल की मांग को लेकर जारी किए गए आंकड़ों के बारे में विस्तार से जानते हैं!।
बांसमती चावल की खेती की बढ़ी मांग
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023-24 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान भारत ने 35.43 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया है, जो पिछले साल निर्यात किए गए 31.98 लाख टन बासमती चावल से 10.78 प्रतिशत से ज़्यादा है।
गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक
विदेशों में भारत के अन्य चावलों की भी मांग है, लेकिन घरेलू कीमतें ज़्यादा न बढ़ें, इसलिए कुछ गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगी है, जिससे चालू वित्त वर्ष में इसके निर्यात में बड़ी गिरावट देखी जा रही है।
गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के करीब सवा पांच महीने में कुल निर्यात दर 36 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुकी है। गैर-बासमती चावल की बात करें, तो 2023-24 में अप्रैल से दिसंबर के बीच 83.42 लाख टन चावल का निर्यात किया गया।
उबले टूटे चावल की निर्यात कीमतों में कमी
अफ्रीकी बाजारों की मांग में कमी होने की वजह से भारत में उबले टूटे चावल की निर्यात कीमतों में कमी देखी जा रही है। आपको बता दें कि भारत के अलावा दूसरे एशियाई निर्यातक देशों में वियतनाम के चावल की कीमतें बढ़ी हैं, जबकि थाइलैंड में वियतनाम के चावलों की कीमत में गिरावट देखी गई है।
टूटे चावल की निर्यात कीमतें घटने का कारण
मुख्य निर्यातक भारत की 5 प्रतिशत उबले टूटे चावल की कीमत इस सप्ताह 543-550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन रही है, जबकि पिछले सप्ताह ये कीमत 548-555 डॉलर प्रति टन दर्ज की गई थी। वहीं इस महीने की शुरुआत की बात करें तो यह कीमत 560 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई थी। बताया जा रहा है कि अफ्रीकी मांग में गिरावट के कारण चावल की कीमत में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
भारत में चावल उत्पादन के आंकड़े
किसान साथियों, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2021-22 में भारत में चावल का कुल उपज 129,471 टन दर्ज की गई थी, वहीं साल 2022-23 की बात करें तो इस अवधि में 136,000 टन चावल उत्पादन हुआ। भारत में चावल की अधिक उपज होने के कारण ही यहां खाद्य फसलों में चावल सबसे प्रमुख माना जाता है।
ये राज्य है भारत का सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य
भारत में सबसे अधिक चावल उत्पादन करने वाले राज्य की बात करें तो पहले नंबर पर पश्चिम बंगाल है, जिसका कुल उपज रिकॉर्ड 13.62 प्रतिशत का है। वहीं दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है, जिसकी कुल उपज दर 12.81 प्रतिशत हैं। वहीं तीसरे पायदान पर पंजाब है, जहां पर 9.96 प्रतिशत चावल का उत्पादन होता है।
पूरे देश की बात करें तो भारत के लगभग 36 प्रतिशत चावल का उत्पादन ये तीन राज्य ही करते हैं। इसके अलावा देश के पूर्वी और पश्चिमी भाग में भी चावल की खेती बड़े पैमाने पर होती है। यदि आप भी इस बार चावल की खेती करने वाले हैं, तो ग्रामिक पर कई उन्नत किस्म के धान के बीज उपलब्ध हैं। आप घर बैठे बहुत ही किफायती मूल्य पर ऑर्डर कर सकते हैं।आपको बता दें कि चावल की खेती के लिए 100 मिलीमीटर से ज़्यादा वर्षा की आवश्यकता होती है, वहीं तापमान की बात करें तो इसकी अच्छी उपज के लिए 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान उपयुक्त होता है।
FAQ
दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश चीन है।
दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश भारत है।
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