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लहसुन भारतीय रसोई का ज़रूरी हिस्सा है। खाने का स्वाद बढ़ाने से लेकर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने तक, लहसुन के कई फायदे हैं। लेकिन कुछ समय से भारतीय बाजारों में चाइनीज लहसुन की मांग बढ़ी है। ऐसे में कई लोग इस बात से अनजान होते हैं कि वे जो लहसुन खरीद रहे हैं, वह देसी है या चाइनीज।
इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि कैसे आप आसानी से देसी और चाइनीज लहसुन के बीच अंतर कर सकते हैं, और इसके हानिकारक प्रभाव से बच सकते हैं।
रंग में अंतर
देसी और चाइनीज लहसुन के बीच सबसे बड़ा अंतर उनके रंग में होता है। देसी लहसुन का रंग हल्का सफेद से लेकर क्रीम कलर तक होता है, जबकि चाइनीज लहसुन हल्के गुलाबी या चमकीले सफेद रंग का होता है। यदि आपको लहसुन बहुत अधिक चमकीला या गुलाबी नजर आए, तो यह चाइनीज लहसुन हो सकता है।
आकार में अंतर
लहसुन की कलियों के आकार में भी बड़ा अंतर होता है। देसी लहसुन की कलियाँ अक्सर छोटी और अनियमित आकार की होती हैं, जबकि चाइनीज लहसुन की कलियाँ बड़ी और समान आकार की होती हैं। यह भी ध्यान देने योग्य है कि चाइनीज लहसुन की पूरी गांठ बड़ी और वजन में भारी होती है।
गंध में अंतर
लहसुन की गंध भी उसे पहचानने का एक महत्वपूर्ण तरीका हो सकता है। देसी लहसुन की गंध बहुत तेज और तीखी होती है, जो कि इसके उच्च गुणवत्ता और प्राकृतिक उत्पादन को दर्शाती है। वहीं चाइनीज लहसुन की गंध हल्की और कम तीव्र होती है, जो कि इसे लंबे समय तक स्टोर किए जाने और कीटनाशकों के उपयोग के कारण हो सकता है।
स्वाद में अंतर
जब बात आती है स्वाद की, तो देसी लहसुन का स्वाद अधिक तीखा और प्रभावी होता है। यह खाने में जल्दी घुल जाता है और उसका स्वाद लंबे समय तक बना रहता है। दूसरी ओर, चाइनीज लहसुन का स्वाद अपेक्षाकृत हल्का होता है और वह उतना प्रभावी नहीं होता जितना देसी लहसुन।
पोषक तत्वों में अंतर
जब बात पोषण की होती है, तो देसी लहसुन अधिक प्राकृतिक और पौष्टिक होता है। इसमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। चाइनीज लहसुन में अधिक कीटनाशक और रसायनों का उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी पोषकता कम हो जाती है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
कीटनाशकों का उपयोग
यह एक महत्वपूर्ण कारण है जिसकी वजह से चाइनीज लहसुन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। चाइनीज लहसुन में कीटनाशकों का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है, खासकर मेथाइल ब्रोमाइड जैसे रसायन। यह रसायन कीड़ों से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन इसका प्रभाव खाने वाले लोगों पर बहुत हानिकारक हो सकता है। इसके कारण पेट की समस्याएं, किडनी से जुड़ी बीमारियां, और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
कीमत में अंतर
आपने शायद यह नोट किया होगा कि बाजार में चाइनीज लहसुन देसी लहसुन के मुकाबले सस्ता होता है। इसका कारण यह है कि चाइनीज लहसुन को बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जाता है और यह थोक में बहुत सस्ते दामों पर निर्यात किया जाता है। जबकि देसी लहसुन की खेती छोटे पैमाने पर होती है, और इसमें मेहनत और समय ज्यादा लगता है, जिसकी वजह से इसकी कीमत थोड़ी ज्यादा होती है। लेकिन इस कीमत में आपको गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित उत्पाद मिलता है।
चाइनीज लहसुन से कैसे बचें?
अब जब आप दोनों के बीच अंतर समझ गए हैं, तो बाजार में देसी लहसुन और चाइनीज लहसुन के बीच पहचान करना आसान हो जाएगा। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिनसे आप चाइनीज लहसुन से बच सकते हैं:
- स्थानीय बाजारों से खरीदें: कोशिश करें कि आप स्थानीय किसानों या बाजारों से देसी लहसुन खरीदें। इससे आपको गुणवत्ता की गारंटी मिलेगी।
- गंध और आकार पर ध्यान दें: लहसुन खरीदते समय उसकी गंध और आकार पर ध्यान दें। यदि गंध तीखी है और आकार छोटा है, तो वह देसी लहसुन होने की संभावना ज्यादा है।
- कीमत का ध्यान रखें: यदि कोई लहसुन अत्यधिक सस्ते दामों पर बिक रहा है, तो उसे खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच करें। बहुत सस्ती चीज़ें अक्सर अच्छी नहीं होतीं।
देसी लहसुन और चाइनीज लहसुन के बीच अंतर को जानना आपके और आपके परिवार की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। चाइनीज लहसुन भले ही सस्ता हो, लेकिन इसका लंबे समय तक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। दूसरी ओर, देसी लहसुन अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट और सुरक्षित होता है। इसलिए, अगली बार जब आप बाजार जाएं, तो इस ब्लॉग में दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए देसी लहसुन चुनें और अपनी सेहत का ख्याल रखें।
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