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धान के खेत की तैयारी: पडलिंग और लेवलिंग क्यों है जरूरी? जानिए पूरी प्रक्रिय!

धान के खेत की तैयारी
Written by Gramik

धान के खेत की तैयारी सफल धान की खेती के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। अगर खेत को सही तरीके से पडलिंग (Puddling) और लेवलिंग (Leveling) करके तैयार किया जाए, तो न केवल जल संरक्षण बेहतर होता है बल्कि खरपतवार नियंत्रण और पौधों की जड़ों की मजबूती भी सुनिश्चित होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि धान की बुवाई से पहले खेत को पानी में कैसे तैयार किया जाता है और पडलिंग व लेवलिंग की प्रक्रिया क्यों जरूरी है।

पडलिंग (Puddling) क्या है और क्यों जरूरी है?

1. धान के खेत की तैयारी कब और कैसे शुरू करें?

धान की नर्सरी तैयार होने के साथ ही खेत की तैयारी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

  • पहली जुताई आखिरी सिंचाई के 2–3 दिन बाद की जाती है।
  • खेत को 7–10 दिन तक पानी से भरकर छोड़ा जाता है ताकि मिट्टी नरम हो जाए।
  • इसके बाद पडलिंग और फिर लेवलिंग की प्रक्रिया शुरू होती है।

2. पडलिंग (Puddling) क्या है और क्यों जरूरी है?

पडलिंग का मतलब होता है पानी भरे खेत में मिट्टी को हल से गीला और बारीक करना।
फायदे:

  • मिट्टी की ऊपरी परत में पानी रोकने की क्षमता बढ़ती है।
  • खरपतवार के बीज नष्ट होते हैं।
  • पौधों की जड़ें बेहतर तरीके से फैलती हैं।
  • नमी लंबे समय तक बनी रहती है।

3. पडलिंग की सही तकनीक क्या है?

  • खेत को 4–5 इंच पानी से भर लें।
  • ट्रैक्टर या बैल चलित हल से 2–3 बार जुताई करें।
  • हर जुताई के बाद मिट्टी को समतल करें।
  • आवश्यकता हो तो रोटावेटर या डिस्क हैरो का भी उपयोग करें।
पडलिंग (Puddling) क्या है और क्यों जरूरी है?

4. लेवलिंग (Leveling) क्यों है जरूरी?

धान के खेत की तैयारी में लेवलिंग यानी खेत को समतल करना बेहद जरूरी है।
फायदे:

  • पानी हर कोने तक समान रूप से पहुंचता है।
  • उर्वरक और कीटनाशक समान रूप से वितरित होते हैं।
  • फसल की समान वृद्धि होती है।
  • पानी की बर्बादी नहीं होती।

5. खेत लेवलिंग की मशीनें और तरीके

  • पारंपरिक तरीका: लकड़ी या लोहे की पाटा से समतल करना।
  • आधुनिक तरीका: लेजर लेवलर का उपयोग – इससे खेत ज्यादा सटीक और तेजी से समतल होता है।
  • लेजर लेवलिंग से पानी की 25-30% तक बचत संभव है।

6. धान के खेत की तैयारी के फायदे 

प्रक्रियामुख्य लाभ
पडलिंगपानी रोकने की क्षमता, खरपतवार नियंत्रण, जड़ों की मजबूती
लेवलिंगजल वितरण में समानता, उर्वरक की सही खपत, उत्पादन में वृद्धि

धान के खेत की तैयारी को हल्के में लेना भारी नुकसान दे सकता है। पडलिंग और लेवलिंग जैसे कदम सिर्फ तैयारी नहीं बल्कि उत्पादन बढ़ाने की नींव रखते हैं। अगर खेत को सही समय पर और सही तकनीक से तैयार किया जाए, तो फसल न केवल अधिक मिलेगी, बल्कि गुणवत्तापूर्ण भी होगी। फसल के अच्छे विकास व अधिक उपज के लिए ग्रामिक पर Gramoliser, Gramo Rhizza, Gramino, और Solio Gold जैसे कई उपयोगी प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अभी ऑर्डर कर सकते हैं।  

FAQs

क्या बिना पडलिंग के धान बोया जा सकता है?

हाँ, लेकिन इससे पानी की खपत बढ़ जाती है और खरपतवार नियंत्रण कठिन हो जाता है।

क्या लेजर लेवलिंग महंगा होता है?

शुरुआत में लागत अधिक होती है, लेकिन लंबे समय में यह जल और उर्वरक की बचत कर लागत वसूल कर देता है।

 पडलिंग के बाद खेत में पानी कितना रखें?

लगभग 2–3 इंच पानी होना चाहिए, जिससे पौधों को नमी मिलती रहे।

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