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पॉलीहाउस तकनीक से करें बेमौसमी फसलों की खेती, जानें कैसे।

Written by Gramik

दोस्तों नमस्कार, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है।

अक्सर ऐसा देखा गया है कि किसानों की तैयार फसल किसी प्राकृतिक आपदा जैसे की बेमौसम बारिस के आ जाने से किसानों की तैयार फसल खराब हो जाती है जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पङता है। लेकिन पॉलीहाउस तकनीक की मदद से मौसम फसल के अनुकूल न होने पर किसान सब्जियों व फूलों की खेती कर सकते हैं।

पॉलीहाउस तकनीक किन फसलों के लिए उपयोगी है?

किसानों को पहले जहाँ बेमौसमी फसल उगाने के लिए एक उचित मौसम का इंतजार करना होता था, वहीं अब पॉलीहाउस मे बिना सीजन वाली सब्ज़ियों की भी खेती की जा सकती है। पॉलीहाउस मे खेती करने वाले किसान को सामान्य उत्पादन की तुलना मे ज़्यादा उपज पा सकते हैं।

आपको बता दें कि पॉलीहाउस लोहे के पाइप और पॉलीथीन से एक घरनुमा आकार में बनाया जाता है, और इसमें फसल के अनुसार वातावरण तैयार किया जाता है। पॉलीहाउस मे ज़्यादा मूल्य वाली फसलें लगाना किसानों के लिए उपयोगी हो सकता है।

पॉलीहाउस तकनीक

इस विधि से टमाटर, शिमला मिर्च, फूलगोभी, चेरी टमाटर, खीरा जैसी कई बिना मौसम वाली सब्जियाँ उगाई जा सकती हैं। इसके साथ ही कई किस्मों के फूल जैसे कि गुलदावदी, कारनेशन, गुलाब, जिप्सोफिल, आकिर्ड आदि उगाकर इससे अच्छी कमाई की जा सकती है।

पॉलीहाउस तकनीक का प्रयोग कैसे करें?

पॉलीहाउस तैयार करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है, जैसे- इसके लिए किसान ऊंची ज़मीन का चुनाव करें, जहाँ जल भराव की समस्या न होने पाए, और अनावश्यक जल आसानी से निकाला जा सके। जल निकासी का उचित व्यवस्था हो। 

पॉलीहाउस मे फसलों की सिचाई की भी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे फसलों की सिचाई समय पर हो पाए। इसके लिए ड्रिप सिचाई एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि ड्रिप विधि से ना सिर्फ़ फसलों की सिचाई की जा सकती है, बल्कि ड्रिप सिचाई की सहायता फसलों मे खाद भी डाली जा सकती है।

पॉलीहाउस तकनीक

लकड़ी का पॉलीहाउस तैयार करने में लागत कम आती है। इसे बाँस या लकङी की मदद से तैयार किया जाता है। ये पॉलीहाउस कम उपकरणों से ही तैयार कर सकते हैं। प्राकृतिक रूप से वातावरण को नियंत्रित करने की क्षमता के कारण पॉलीहाउस को नेचुरल वेंटिलेटर भी कहा जाता हैं। आपकी खेती किसानी को और आसान बनाने के लिए ग्रामिक (Gramik) पर भी कई उपयोगी कृषि उपकरण (Agricultural Tools) उपलब्ध हैं, इस लिंक पर क्लिक करके अभी देखें और आर्डर करें।

वहीं लकङी निर्मित पॉलीहाउस की तुलना मे लोहे की पाइप से पॉलीहाउस बनाने पर खर्च ज़्यादा आता है। इसमें पॉलीहाउस का पूरा ढाँचा लोहे का बना होता है। लोहे से बने इस ढांचे में तापमान, आर्द्रता आदि को नियंत्रित करने वाले उपकरण लगे होते है, जिससे कि पॉलीहाउस का वातावरण अनुकूल रहता है।

पॉलीहाउस तकनीक से मिलने वाले 5 लाभ

  • इस विधि से पूरे साल सब्जियों का उत्पादन, पुष्प उत्पादन, पौधारोपण आदि किया जा सकता है।
  • पॉलीहाउस फसलों को तेज हवा, पानी, कम या अधिक तापमान, ओला, कोहरा आदि से बचाता है, जिससे फसल अच्छी उपज देती है।
  • पॉलीहाउस मे खेती करने पर फसलों मे लगने वाले कीङे-मकोङो एवं रोगों का प्रकोप कम होता है। 
  • पॉलीहाउस तकनीक कम भूमि वाले किसानों के लिए खेती से मुनाफा कमाने का एक अच्छा जरिया हो सकता है।
  • पॉलीहाउस का निर्माण करने मे खर्च ज्यादा होता है, लेकिन बेमौसम सब्जियां उगाकर बाजार में बेचने से अच्छे दाम मिलते हैं, जिससे किसानों की लागत निकलने के साथ साथ मुनाफा भी काफ़ी हो जाता है।

अच्छी बात ये है कि किसानों को पॉलीहाउस बनाने के लिए सरकार की तरफ से अनुदान की सुविधा दी गई है ( Agriculture Infrastructure Fund Scheme से आपको पॉलीहाउस के निर्माण के लिए आर्थिक मदद मिल सकती है) जिसका लाभ लेकर किसान पॉलीहाउस का निर्माण कर सकते हैं।

दोस्तों हमें आशा है कि पॉलीहाउस से जुड़ी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। खेती किसानी से जुड़ी तकनीकों व अन्य जानकारियों के लिए ‘Gramik’  पर blogs पढ़ते रहें।

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