Pro Tray Technique: प्रो ट्रे क्या है? इसकी मदद से नर्सरी कैसे तैयार करें?
प्रिय पाठकों नमस्कार, ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है।
नर्सरी वाले सभी बीजों को अच्छे से ग्रो कर लेते हैं, इसीलिए ज़्यादातर गार्डनर्स के मन में सवाल उठता होगा कि, नर्सरी में पौधे कैसे तैयार किये जाते होंगे? आज के इस ब्लॉग में हम आपके इसी सवाल का जबाब लेकर आए हैं।
नर्सरी में प्रो ट्रे की सहायता से सीडलिंग तैयार की जाती हैं, जिसमें कई सारे होल्स होते हैं, जिनमें पॉटिंग मिक्स भरकर कई प्रकार के बीज बोए जाते हैं। अच्छी बात ये है, कि इस ट्रे में बीज लगाने से लगभग सभी बीज अंकुरित हो जाते हैं।
- प्रो ट्रे या नर्सरी ट्रे किसे कहते हैं?
- इसके फायदे क्या हैं?
- नर्सरी तैयार करने के लिये किन-किन चीजों की जरूरत होती है?
- प्रो ट्रे में नर्सरी तैयार कैसे करें
- इस विधि से कौन-कौन से पौधे तैयार किये जा सकते हैं?
ये सारी जानकारी पाने लिए पूरा ब्लॉग पढ़ें-
चलिए सबसे पहले जानते हैं कि प्रो ट्रे किसे कहते हैं। तो दोस्तों, कई सारे होल्स से मिलकर बनी प्लास्टिक की ट्रे, जिसमें बीजों को लगाकर सीडलिंग तैयार की जाती है, उसे प्रो ट्रे कहते हैं। वहीं प्रो ट्रे में पौधे तैयार करने की विधि को ‘प्रो ट्रे नर्सरी’ कहा जाता है। सरल भाषा में समझें तो सीडलिंग तैयार करने की प्रक्रिया को ही नर्सरी तैयार करना कहते हैं।
प्रो ट्रे की विशेषताओं की बात करें, तो प्रो ट्रे आयताकार व वर्गाकार कई आकार के होते हैं, और ये 40 खानों, 50 खानों, 98 खानों और 104 खानों वाली हो सकती हैं। प्रो-ट्रे के हर खानों की तली में ड्रेनेज छिद्र होता है, जिससे फालतू पानी बाहर निकाला जाता है। इस विधि से टमाटर, मिर्च, बैंगन व ऐसे बाक़ी पौधे जिनके बीजों को सीधे बगीचे या खेतों में नहीं लगाया जाता, उन पौधों की नर्सरी तैयार की जाती है।
सीडलिंग ट्रे में कोकोपीट, वर्मीकम्पोस्ट आदि को भरकर उसमें बीज लगाए जाते हैं, ताकि ट्रे का वज़न भी ज़्यादा न हो, और बीज भी अच्छे से अंकुरित हो सकें। पौधा तैयार होने के बाद उसे ग्रो बैग या गार्डन की मिट्टी में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
नर्सरी प्रो ट्रे के कई फ़ायदे हैं
- प्रो ट्रे में लगाए गए लगभग सभी बीज अच्छे से अंकुरित हो जाते हैं, इसीलिए महंगे बीजों को भी इस ट्रे में अंकुरित किया जा सकता है और नुकसान से बचा जा सकता है।
- इस विधि से पौधे तैयार करने के लिए खेत या बगीचे की ज़रूरत नहीं होती है।
- सीडलिंग ट्रे में बीज लगाने पर उसका रखरखाव भी आसानी से किया जा सकता है। अगर ट्रे बाहर रखी है, और मौसम में कोई बदलाव होते हैं, तो इसे उठाकर सुरक्षित जगह पर ले जाया जा सकता है।
- इस प्रो ट्रे में कोकोपीट जैसे- मिट्टी रहित पदार्थ को भरकर उसमें बीज लगाने से खरपतवार भी नहीं उगते हैं, और मृदा जनित रोग व कीट भी नहीं लगते हैं, जिससे स्वस्थ पौधे तैयार होते हैं।
- प्रो ट्रे नर्सरी में लगे पौधों की गिनती भी काफ़ी आसानी से की जा सकती है।
- इस ट्रे से पौधों को निकालते समय जड़ों के टूटने की समस्या भी नहीं होती है।
- सबसे अच्छी बात यह है कि ये ज्यादा महंगी नहीं आती है।
- इन ट्रे की सहायता से कम जगह में ज़्यादा से ज़्यादा सीडलिंग तैयार की जा सकती हैं।
- नर्सरी ट्रे में तैयार किये गए पौधों का विकास एक जैसा होता है।
दोस्तों, अब आप जानना चाह रहे होंगे कि प्रो ट्रे में कौन से पौधे तैयार किए जाते हैं। तो आपको बता दें कि प्रो-ट्रे में ट्रांसप्लांट तरीक़े से उगाए जाने वाले सभी फूलों व सब्जियों के बीजों को लगा सकते हैं।
प्रो ट्रे के ज़रिए शिमला मिर्च, हरी मिर्च, टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, प्याज आदि सब्जियों के पौधे और अंगूर पपीता, तरबूज, जामुन, अमरुद, अनार, आँवला, नीम्बू आदि फल वाले पौधों तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा ये विधि गेंदा, गुडहल, एलिसम, आदि फूलों की नर्सरी तैयार करने के काम भी आती है।
प्रो ट्रे में नर्सरी तैयार करने की विधि की बात करें, तो आपको कुछ टिप्स फॉलो करने होंगे
- कोकोपीट तैयार करें।
- पॉटिंग मिक्स तैयार करें।
- पॉटिंग मिश्रण को नर्सरी ट्रे के खानों में भरें।
- नर्सरी ट्रे में बीजों को बोयें।
- प्रो ट्रे को उचित जगह पर रखें।
- सीडलिंग की हार्डनिंग करें।
- पौधों को ट्रांसप्लांट करें।
आपको सबसे पहले पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए कोकोपीट की ज़रूरत पड़ेगी, इसलिए सबसे पहले कोकोपिट या ईंट को पानी से भरे बड़े बर्तन में डालकर 4-5 घंटे के लिए रख दें। इस तरह से कोकोपीट पानी सोख लेगी और फूल कर टूट जायेगी।
इसके बाद इस भीगे हुए कोकोपीट से सारा पानी निकालकर उसे कुछ घंटों के लिए धूप में रख दें। कोकोपीट सूखने के बाद भुरभुरी हो जायेगी। अब इसका प्रयोग पॉटिंग मिक्स तैयार करने के लिए किया जा सकता है।
नर्सरी तैयार करने के लिए पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए 50% कोकोपीट, 20% पर्लाइट, 20% वर्मीकम्पोस्ट, और 10% वर्मीक्यूलाइट को अच्छी तरह से मिलाकर पॉटिंग मिक्स बनाया जा सकता है। पॉटिंग मिक्स तैयार करने के बाद इसे प्रो ट्रे खानों में भरें। इसे भरने के बाद ऊँगली से खानों के बीचों-बीच, बीज बोने के लिए छोटे-छोटे गड्डे बना लें।
अब हर खानों के गड्डे में बीज डालें और उसे कोकोपीट या वर्मीकुलाइट से ढंक दें। इसके बाद ट्रे में पानी का छिड़काव करें। बीजों को अंकुरित होने के लिए पानी की काफ़ी ज़रूरत होती है, इसीलिए समय समय सीडलिंग ट्रे को देखते रहें, और नमी बनाए रखने के लिए ज़रूरत के हिसाब से पानी डालते रहें।
प्रो ट्रे के हर होल में लगे बीजों पर उसके नाम का लेबल लगा दें, ताकि आपको याद न रखना पड़े कि किस होल में कौन सा बीज बोया था। सभी अंकुरित बीज लगभग एक जैसे दिखते हैं, इसलिए आपको उन्हें पहचानने में परेशानी हो सकती है।
प्रो ट्रे को उचित जगह पर रखें। जैसे कि अगर बाहरी तापमान बीज अंकुरण के लिए सही है, तो नर्सरी ट्रे को बाहर ही रखा जा सकता है, और यदि तापमान बीज अंकुरण के अनुकूल नहीं है, तो ट्रे को घर के अन्दर रखें।
गर्मी के दिनों में प्रो ट्रे को शेड नेट की छाया में बाहर रख सकते हैं, और बरसात व ठंड के दिनों में प्रो ट्रे को पॉलीहाउस या घर के अन्दर रख सकते हैं या फिर प्लास्टिक कवर या पॉलीथिन से कवर कर देने पर बीजों को गर्म वातावरण मिलता रहता है।
जब प्रो ट्रे में लगे बीज अंकुरित हो जाएँ और पौधे कम से कम 3 इंच के हो जाएँ या उनमें कुछ पत्तियां आ जायें, तब उन्हें बाहर गार्डन या खेतों में ट्रांसप्लांट करने से पहले सीडलिंग हार्डनिंग की प्रोसेस अपनाना चाहिए।
इस प्रोसेस में एक हप्ते तक रोज कुछ समय के लिए सीडलिंग को बाहर सूर्य के प्रकाश में रखा जाता है और फिर वापस छाया में रखते हैं। इस तरह रोज सीडलिंग को बाहर रखने के टाइम को बढाते जाते हैं। ऐसा करने से सीडलिंग को जब गार्डन में लगाया जाता है, तो पौधे खराब नहीं होते हैं। हार्डनिंग प्रक्रिया के एक हफ़्ते बाद आप पौधों को लगा सकते हैं।
प्रो ट्रे नर्सरी तैयार करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें
- प्रो-ट्रे में बीजों को ज्यादा गहराई में न बोयें। ऐसा करने से बीज के उगने में अधिक समय लगता है और बीज सड़ने का खतरा भी रहता है।
- ट्रे को सीधी धूप या ज़्यादा छाँव वाली जगह पर न रखें, क्योंकि इससे बीजों के अंकुरित होने के लिए सही वातावरण नहीं मिल पाता है।
- गार्डन में पौधों को लगाने से पहले सीडलिंग हार्डनिंग की प्रक्रिया को जरूर अपनाएँ। ऐसा करने से पौधे बाहरी वातरण के अनुकूल बन जाते हैं।
दोस्तों, इस ब्लॉग में हमने आपने प्रो ट्रे या सीडलिंग ट्रे में नर्सरी तैयार करने के बारे बताया। ये जानकारी अपने सभी गार्डनिंग करने वाले दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वो भी इस विधि का लाभ उठा सकें।
Post Views: 14