दिवाली से पहले बढ़ाई गई रबी फसलों की एमएसपी।
कैबिनेट ने गेहूं की एमएसपी में 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा मसूर की एमएसपी में 500 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों की एमएसपी पर 400 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।
दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को एक और तोहफा दिया है, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
यह रिटर्न गेहूं के लिए 100 प्रतिशत, मसूर के लिए 85 प्रतिशत; चने के लिए 66 प्रतिशत; जौ के लिए 60 प्रतिशत; और कुसुंभ के लिए 50 प्रतिशत है।
सरकार ने रबी फसलों के विपणन सीजन 2023-24 के लिए एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। मसूर के लिए 500/- रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद सफेद सरसों व सरसों के लिए 400/- रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी में पूर्ण रूप से उच्चतम वृद्धि को मंजूरी दी गई है। कुसुम के लिए 209/- रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई है। गेहूं, चना और जौ के लिए क्रमशः 110 रुपये प्रति क्विंटल और 100 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई है।
विपणन सीजन 2023-24 के लिए रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के 1.5 गुना के स्तर पर तय किया गया है, जिसका लक्ष्य किसानों के लिए उचित पारिश्रमिक तय करना है। सफेद सरसों और सरसों के लिए अधिकतम रिटर्न की दर 104 प्रतिशत है, इसके बाद गेहूं के लिए 100 प्रतिशत, मसूर के लिए 85 प्रतिशत है; चने के लिए 66 प्रतिशत; जौ के लिए 60 प्रतिशत; और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है।
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