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भारत जैसे विशाल देश में मशरूम की खेती की बात की जाए तो सफेद बटन मशरूम या जिसे हम ऑयस्टर मशरूम, दूधिया मशरूम के नाम से भी जानते है, इसकी खेती अपने देश में अधिक मात्रा में होती है। सफेद बटन मशरूम देश में सबसे ज़्यादा उगाया जाने वाला मशरूम माना जाता है। ये खाने में काफी लज़ीज़ होते हैं, इसलिए बाज़ार में इनकी ख़ूब डिमांड रहती है।
चलिए इस ब्लॉग में बटन मशरूम की खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं-
अगर आप मशरूम की खेती करने की सोच रहे है तो आपको बता दे कि इसकी खेती घर में ही बड़ी आसानी से हो सकती है। मशरूम की खेती आप काफ़ी कम खर्च पर भी कर सकते हैं। वो कैसे? चलिए आपको बताते है!
मशरूम की उन्नत किस्में (Types of Mushrooms in India)
अगर बात करें मशरूम की कुछ उन्नत किस्मों की, तो बटन मशरूम, ढिंगरी मशरूम, दूधिया या मिल्की मशरूम तथा पुआल मशरूम काफ़ी उपजाऊ और मुनाफे वाली प्रजातियां मानी जाती हैं। लेकिन यहां आज हम आपको बटन मशरूम की खेती के बारे में बता रहे हैं।
रबी फसल के समय में ही बटन मशरुम को उगाया जाता है। इसकी खेती के लिए अक्टूबर से फरवरी तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है। 22-25 डिग्री सेल्सियस तापमान और 80-85 प्रतिशत नमी बटन मशरूम के लिए बेहद ज़रूरी होती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ़ कंपोस्ट खाद की जरूरत होती है। कंपोस्ट में अच्छी खासी नमी होगी, तो मशरूम का अंकुरण अच्छा होगा।
मशरूम के फ़ायदे (Benifits of Mushroom)
मशरुम खाने में जितना लाजवाब होता है, उतना ही फायेदमंद भी होता है, इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बहुत अधिक बढ़ाते हैं। और बात अगर बटन मशरुम की करे तो, मशरूम अनुसंधान निदेशालय सोलन के कृषि वैज्ञानिकों ने बटन मशरूम की एक नई किस्म एनबीएस 5-59 की खोज की है जो कई मायनों में बटन मशरूम की अन्य किस्मों से बेहतर है। और इस नई नस्ल से खेती करने वाले किसानों को फ़ायदा अधिक मिलेगा।
बटन मशरूम का व्यवसाय किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है, जिसमें लागत बहुत कम आती है। जहां एक किलो बटन मशरूम का लागत मूल्य लगभग 25-30 रुपये तक होता है, तो वहीं इसकी बाजार में कीमत 70 से 80 रुपये किलो है। किसान आसानी से इसे अच्छे मुनाफे के साथ बाजार में बेच सकते हैं, और अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
सेहत के लिए भी लाभप्रद है मशरूम (health benefits of mushrooms)
आपको बता दें कि मशरूम में भरपूर मात्रा में विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है, जो कि हड्डियों को मज़बूत बनाने के लिए रामबाण माना जाता है। मशरूम शरीर के डाइजेस्टिव सिस्टम, स्वस्थ त्वचा और ह्रदय के लिए भी काफी उपयोगी और गुणकारी माना जाता है। इसमें विटामिन बी का एक अच्छा स्रोत पाया जाता है, साथ ही मशरूम में कार्बोहाइड्रेट्स और फैट की मात्रा कम होती है, जो ब्लड शुगर लेवल और वजन को बैलेंस रखता है।
मशरूम के भंडारण की बात करें, तो इसे कभी भी तुरन्त तोड़ कर प्लास्टिक बैग या पन्नी में पैक नहीं न करें, बल्कि इसे 2 घंटे तक किसी कागज़ या कपड़े पर अच्छे से सुखाकर पैक करें, जिससे मशरूम बर्बाद ना हो। मशरूम का उपयोग सब्जी और सूप बनाने के लिए होता है। हालांकि आप चाहें तो इससे कोई नई रेसिपी, आचार या पिज़्ज़ा भी बना सकते हैं।
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