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Terrace Farming: परिवार ने टेरेस को इस तरह हरे-भरे जैविक फार्म में बदला।

Written by Gramik

84 वर्षीय हेमा राव हर सुबह बेंगलुरु में अपने घर की एक मंजिल पर हाथ में एक छोटी टोकरी लेकर चढ़ जाती हैं। एक बार जब वह अपने अपार्टमेंट परिसर की छत पर पहुँचती है, तो वह चारों ओर घूमती है, हरे-भरे वनस्पति पौधों के नीले रंग के ड्रमों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करती है, जो 12,000 वर्ग फुट में फैले हुए हैं। वह सबसे पकी सब्जियां चुनती है, एक जोड़ी कैंची निकालती है, शाखाओं को काटती है और अपनी टोकरी में जो कुछ भी चाहिए उसे इकट्ठा करती है। फिर, वह फसल को वापस घर ले आती है। वृद्धा ने पिछले कुछ वर्षों से इस दिनचर्या का पालन किया है, अपने परिवार के लिए हर दिन ताजी सब्जियां उपलब्ध कराती है। उनके बेटे आदित्य कहते हैं, ‘उस दिन मेरी मां पांच बैंगन और तीन करेले ले आई। यह जानते हए कि ये हमारे पांच लोगों के परिवार को खिलाने के लिए अपर्याप्त होंगे, उन्होंने गुड़ और रसोई के मसालों के साथ दोनों को मिलाकर एक अनूठी रेसिपी बनाई। यह स्वादिष्ट निकला। ” आदित्य कहते हैं कि ऑर्गेनिक टैरेस गार्डन होने की ये छोटीछोटी खुशियां हैं। द बेटर इंडिया को बताते हैं, “इसे शौक कहें

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