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ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करके किसानों की आमदनी बढ़ाने और पशुओं के संरक्षण के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं चलाती रहती है। ऐसे में अब सरकार ने पशुपालन के लिए सब्सिडी के साथ ही पशुओं के बीमा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ा दिया है।
बता दें हाल ही में 21 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission) में कई अन्य उपमिशन को शामिल करके इसमें संशोधन करने की मंजूरी दे दी है।
चलिए ग्रामिक के इस ब्लॉग में जानते हैं कि सरकार की ओर से हमारे पशुपालक साथियों को क्या लाभ मिलने वाले हैं!
सरकार की ओर से पशुपालन के लिए मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत घोड़ा, गधा, खच्चर, ऊंट के लिए उद्यमिता स्थापित करने के लिए व्यक्तियों, एफपीओ (Farmers Producer Organisation) एसएचजी (Self-help groups), जेएलजी (Joint Liability Group), एफसीओ (Sanghai Cooperation Organisation) और धारा 8 कंपनियों को 50 लाख तक की यानि 50 फीसदी पूंजी सब्सिडी देने का ऐलान किया गया है।
साथ ही घोड़े, गधे और ऊंट के संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार को मदद दी जाएगी। केन्द्र सरकार अपनी इस योजना के तहत अब घोड़े, गधे और ऊँट के वीर्य स्टेशन और न्यूक्लियस प्रजनन फार्म की स्थापना के लिए 10 करोड़ देगी।
इसके साथ ही सरकार अब निजी कंपनियों, स्टार्ट-अप/ एसएचजी/ एफपीओ/ एफसीओ/ जेएलजी/किसान सहकारी समितियां (एफसीओ), धारा 8 कंपनियां ग्रेडिंग प्लांट के साथ-साथ बीज भंडारण गोदाम सहित बुनियादी ढांचा स्थापित करना जैसे भवन निर्माण, रिसीविंग शेड, ड्राईिंग प्लेटफॉर्म, मशीनरी आदि को 50 लाख रुपये तक की 50 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी के साथ चारा बीज प्रसंस्करण एवं ग्रेडिंग इकाई/चारा भंडारण गोदाम के लिए उद्यम स्थापित करने के लिए सब्सिडी देगी।
आपको बता दें कि धारा 8 कंपनी एक संगठन है जो एक गैर-लाभकारी संगठन यानि NPO के तौर पर पंजीकृत किया गया है। NPO / कंपनी के उद्देश्य की बात करें तो ये कला, वाणिज्य, दान, शिक्षा, पर्यावरण के संरक्षण, विज्ञान, समाज कल्याण, खेल, अनुसंधान, धर्म को बढ़ावा देने आदि के क्षेत्रों में काम करता है।
15 प्रतिशत प्रीमियम राशि में होगा पशु बीमा
पशुधन बीमा योजना के तहत अब सरकार ने किसानों के लिए प्रीमियम राशि कम कर दी है और यह मौजूदा लाभार्थी प्रीमियम राशि 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की जगह अब 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
प्रीमियम की शेष राशि केंद्र और राज्य द्वारा सभी राज्यों के लिए 60:40, 90:10 के अनुपात में साझा की जाएगी। बीमा किए जाने वाले पशुओं की संख्या भी भेड़ और बकरी के लिए 5 मवेशी के बजाय 10 मवेशी तक बढ़ा दी गई है। इससे पशुपालक कम राशि चुकाकर अपने पशुओं का बीमा करा सकेंगे।
चारा फसलों की खेती को भी मिलेगा बढ़ावा
देश में पशुओं के लिए पर्याप्त चारा उत्पादन हो सके, इसके लिए भी सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। चारा खेती के क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए, राज्य सरकार को गैर-वन भूमि, बंजर भूमि, चरागाहों व गैर कृषि योग्य भूमि के साथ-साथ वन भूमि में चारा उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा, और चारे की खेती के लिए आर्थिक मदद की जाएगी।
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राष्ट्रीय पशुधन मिशन क्या है?
राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना 2014-15 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य है कि पशु पालकों और किसानों, खासकर छोटे किसानों के जीवन स्तर में सुधार करना, और उन्हें आजीविका उपलब्ध कराना। इस योजना के ज़रिए सरकार किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करने पर जोर दे रही है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य आहार और चारे की मांग की पूर्ति सुनिश्चित करना, स्वदेशी नस्लों का संरक्षण और उसमें सुधार करना है। इसके साथ ही इस योजना के ज़रिए मांस, अंडा, बकरी का दूध व ऊन के उत्पादन को बढ़ावा देना शामिल है।
मौजूदा समय में संशोधन के बाद नये सिरे से तैयार राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत तीन उप-मिशन भी चलाए जा रहे हैं। पहला उप-मिशन पशुधन और पोल्ट्री के नस्ल सुधार को लेकर, दूसरा चारा का उप-मिशन और तीसरा नवाचार और विस्तार पर उप-मिशन चलाया जा रहा है। नये सिरे से तैयार राष्ट्रीय पशुधन मिशन में उद्यमिता विकास, चारा विकास, अनुसंधान और नवाचार, पशुधन बीमा जैसे कई मुहिम पर काम किया जा रहा है।
FAQ
इस योजना के तहत बीमित पशु की बीमारी से मौत हो जाने पर किसानों को 50 हजार रुपये तक कवर दिया जाता है। साथ ही, इस पर 70 फीसदी की सब्सिडी भी दी जाती है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में मवेशी, डेयरी, मुर्गी पालन, भेड़, बकरी, सुअर पालन, आहार और चारा क्षेत्र में पशुपालकों के लिए बेहतर आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने में मदद करता है।
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सरकारी योजना
Nandini Krishak Samriddhi Yojana
कृषि क्षेत्र में रोज़गार
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