आज के आधुनिक युग में अगर आप भी खेती की नई तकनीक अपनाकर एक सफल किसान बनना चाहते हैं, तो आप बागवानी और सब्जियों की खेती में स्टेकिंग विधि (stacking method in farming) का प्रयोग करके उन्नत तरीके से खेती कर सकते है, और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
स्टेकिंग विधि (Stacking Method Farming) क्या है?
आसान शब्दों में समझें तो पौधों को सहारा देने की प्रक्रिया को स्टेकिंग कहा जाता है। आज बहुत से किसान सब्जियों और फलों की खेती में स्टेकिंग तकनीक (stacking in vegetables) का इस्तेमाल कर रहे हैं, और वो ख़ुद अपना अनुभव साझा करके बताते हैं, कि उन्हें इससे काफ़ी मुनाफ़ा मिल रहा है।
इस तकनीक से किसान बागवानी में भी अच्छा मुनाफा कमा रहे है। स्टेकिंग विधि से खेती करने में बहुत ज़्यादा सामान की आवश्यकता नहीं होती है। इस तकनीक के लिए बांस, लोहे के डंडे, पतले तार और रस्सी की ज़रूरत होती है, इन सब सामानों का इस्तेमाल खेत के लिए जाल बनाने में किया जाता है, और इस पर पौधों की लताओं को फैला दिया जाता है।
इससे सब्जियां (vegetables) ज़मीन से दूर रहती हैं, और सड़ने की समस्या नहीं होती है। इस तकनीक का इस्तेमाल करेला, लौकी, मिर्च, बैंगन और टमाटर सहित कई सब्जियों की खेती में किया जाता है।
स्टेकिंग विधि (Stacking Method Farming) को कैसे अपनाए?
- अगर आप स्टेकिंग विधि से सब्जियों की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले खेत की मेड़ के किनारों पर लगभग 10 फीट की दूरी पर 10 फीट ऊंचे बांस के डंडे गाड़ें।
- इसके बाद डंडों पर 2-2 फीट की ऊंचाई पर लोहे का तार बांध दें।
- अब पौधों को सुतली की सहायता से तार पर बांध दिया जाता है, ताकि पौधे ऊपर की ओर बढ़ते रहें।
- इस तरह पौधे लगभग 8 फीट ऊंचे हो जाते हैं, साथ ही मज़बूत होकर अच्छी पैदावार देते हैं।
स्टेकिंग विधि (Stacking Method Farming) से क्या क्या फायदे होते हैं?
- इस विधि से टमाटर, बैंगन, मिर्च, करेला जैसी फसलों को सड़ने से बचाया जा सकता है, और बाज़ार में इनका अच्छा दाम मिल सकता है।
- लताओं वाले पौधे फलों के ज्यादा भार को सहन नहीं कर पाते हैं. ऐसे में स्टेकिंग विधि पौधों को सहारा देकर नीचे लटकने से रोकती है।
- इस विधि से पौधों को टूटने से रोका जा सकता है। स्टेकिंग विधि (Staking Method) से पौधों को मज़बूती मिलती है और उत्पादन भी बेहतर होता है
- स्टेकिंग विधि से खेती करने के लिए राज्य सरकारें अलग-अलग वर्ग के किसानों को 50 से 90 प्रतिशत का अनुदान भी देती हैं।
तो किसान भाइयों, आप भी स्टेकिंग विधि को अपनाकर खेती करिए, और अपनी फसल को स्वस्थ व सुरक्षित रखकर अधिक आमदनी पाइए।
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