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गाजर की खेती : ये 5 किस्में देंगी अच्छा मुनाफा!

गाजर की खेती
Written by Gramik

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सर्दियों के मौसम में गाजर प्रमुख रूप से पाई जाती है। गाजर की खेती देश के कई राज्यों जैसे हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और उत्तर प्रदेश में प्रमुखता से की जाती है। गाजर की खेती से किसान साथियों को कम समय में अच्छी आमदनी देने वाली मानी जाती है। वहीं, अगर किसान अपने खेत में गाजर की उन्नत किस्मों (carrot varieties) को लगाते हैं, तो वे कम लागत में दोगुना लाभ पा सकते हैं।

गाजर की खेती

इसी क्रम में आज हम गाजर के बीज की टॉप 5 उन्नत किस्मों के बारे में बताएंगे, जो स्वाद व उपज दोनों मामलों में बेहतर हैं। ये सभी किस्में आप ग्रामिक से बेहद किफायती मूल्य में घर बैठे ख़रीद सकते हैं, और गाजर की खेती कर सकते हैं।

गाजर की टॉप 5 उन्नत किस्में (Top Five Varieties of Carrots)

एरिका F1 हाइब्रिड गाजर 

एरिका F1 हाइब्रिड गाजर / Erica F1 Hybrid Carrot Seeds की बुआई फरवरी-मार्च, जून-जुलाई, और अक्टूबर-नवंबर में की जाती है। ये गाजर 80-85 दिनों में तैयार हो जाती है। इसका रंग गहरा नारंगी होता है, और वजन 120-160 ग्राम तक होता है। ये गाजर खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है।

राधा कृष्ण इंपोर्टेड गाजर

राधा कृष्ण इंपोर्टेड गाजर / Radha Krishna Carrot Imported Seeds की बुवाई का समय  –   सितंबर-अक्टूबर होता है, और ये 80-90 दिन में तैयार हो जाती है। फलों का वजन 150-200 ग्राम तक होता है। इस गाजर में रेसे नहीं होते हैं, और स्वाद में ये काफी मीठी होती है। इस किस्म की गाजर की एक विशेषता ये भी है कि इसमें हानिकारक वायरस के प्रति अच्छी सहनशीलता पाई जाती है।

रेमिक कलम रिसर्च गाजर

रेमिक कलम रिसर्च गाजर / Remik Kalam Reseaarch Carrot Seeds की बुवाई का सही समय सितंबर का महीना होता है। इस किस्म की गाजर 110 से 120 दिन में तैयार होती हैं, और 40 से 50 क्विंटल प्रति एकड़ तक की उपज मिलती ह। इस किस्म की अन्य विशेषताओं के बारे में बात करें तो यह एकसमान आकार वाली और अधिक उपज देने वाली प्रजाति है। इस गाजर का रंग गहरा नारंगी होता है।

आइरिस इम्पोर्टेड गाजर

आइरिस इम्पोर्टेड गाजर / Iris Imported Carrot Seeds की अंकुरण दर काफ़ी अच्छी होती है, और ये सभी मौसमों के लिए उपयुक्त है। गाजर की ये किस्म टेरेस गार्डनिंग, ग्रो बैग किचन गार्डनिंग, रूफटॉप बालकनी गार्डनिंग और इनडोर और आउटडोर के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस प्रजाति से भी किसान साथियों को अच्छी उपज मिलती है।

गाजर की नैंटस किस्म

गाजर की नैंटस / Early Nantes Carrot Seeds किस्म खेत में 110 दिन में तैयार हो जाती है। इस किस्म के फल बेलनाकार होते हैं और रंग नारंगी होता है। गाजर की यह किस्म प्रति हेक्टेयर 100 से 130 क्विंटल उत्पादन देने में सक्षम है।

FAQs


  • गाजर की खेती में कितनी बार पानी देना चाहिए?

    गाजर की फसल को पहला पानी बुवाई के तुरंत बाद दें। इसके बाद शुरुआती सप्ताह में दो बार पानी दे। जब बीज अंकुरित हो जाए, तब उसे सप्ताह में एक बार पानी दें।

  • गाजर का बीज कितने दिन में उगता है?

    गाजर का बीज बुवाई के 12 से 15 दिन बाद अंकुरित होने लगता है।

  • गाजर की खेती प्रमुख रूप से कहां कहां होती है?

    भारत में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार में गाजर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।

  • गाजर की खेती के लिए क्या तापमान होना चाहिए?

    गाजर की खेती के लिए 15 से 30 डिग्री का सेल्सियस तापामान अच्छा होता है।15 डिग्री से कम तापमान पर गाजर का रंग हल्का होने की संभावना रहती है, और अधिक तापमान होने पर बीज के अंकुरण में समस्या आती है।

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