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भारत एक कृषि प्रधान देश है। 75 प्रतिशत से अधिक आबादी की आजीविका कृषि पर ही निर्भर है। किसानों के लिए उनकी फसल ही सब कुछ होती है, लेकिन आजकल नीलगाय फसलों को बर्बाद कर देती हैं, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान होता है।
दरअसल, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में नीलगाय सबसे अधिक पाई जाती हैं। ये खेतों में फसल खाने के लिए झुंड बनाकर घुसती हैं, इसलिए ये फसल को खाने के साथ ही उन्हें कुचल कर भी नुकसान पहुचाती हैं।
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ऐसे में चलिए ग्रामिक के इस ब्लॉग में जानते हैं नीलगाय भगाने के 8 आसान उपाय
1 .इस मशीन का करें इस्तेमाल
आजकल बाजार में नीलगाय को भगाने के लिए एक ऐसी मशीन लगा सकते हैं, जिसे चलाने के लिए बिजली या गैस की जरूरत नहीं होती है, न ही आपको इसे इस्तेमाल करने के लिए खेत में जाने की जरूरत है। ये एक तरह का पंखा होता है, जिसे खेत में एक ऊंची लकड़ी लगाकर उससे बांधना होता है। ये मशीन हवा के जरिए चलती है।
इसकी आवाज इतनी तेज होती है कि नीलगाय खेत से भाग जाती हैं। इस मशीन के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि हवा की दिशा में बदलने से पंखे की गति प्रभावित नहीं होती है। इस मशीन को इस तरह बनाया गया है कि जिस तरफ हवा की दिशा होगी, उसी तरफ ये मशीन भी अपना रुख बदल लेगी।
2 .टॉर्च जलाकर नीलगाय भगाएँ
नीलगाय के आतंक को रोकने के लिए आप टॉर्च का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने खेत में लगभग सात से आठ फीट का डंडा लगा दें। फिर रस्सी की सहायता से टॉर्च को डंडे में बांध दें। रात होते ही आप इस टॉर्च को जला दें। इसकी रोशनी की वजह से आपके खेतों में नीलगाय नहीं आएगी। ये तरीका बहुत ही आसान है, जिसे अपनाकर आप अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचा सकते हैं।
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3 .गेंदे के पौधे से करें ये उपाय
किसान नीलगाय को भगाने के लिए खेत की मेड़ पर गेंदे के पौधे लगा सकते हैं। गेंदा के पौधे पर यदि रात में कपड़ा लपेट दिया जाए तो ये मानव की आकृति की तरह दिखते हैं, जिससे डरकर नीलगाय भाग जाती हैं। दरअसल गेंदे के पौधे 4-5 फीट तक लंबे होते हैं, जिससे जानवरों को ऐसा लगता है कि मेड़ पर कोई बैठा है, और इससे वे खेत में आने से डरते हैं।
4 .नीम की खली भी हो सकती है कारगर
आप नीम की खली का इस्तेमाल करके भी अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं। इसके लिए तीन किलो नीम की खली और तीन किलो ईंट भट्ठे की राख का पाउडर बनाकर प्रति बीघा के हिसाब से छिड़काव करें। आपको बता दें कि नीम की खली से कीट व रोगों की समस्या कम होती है, साथ ही इससे खेत के आसपास नीलगाय भी नहीं आती हैं। नीम की गंध के कारण जानवर फसल को नुकसान नहीं पहुचाते हैं। आप इस मिश्रण का छिड़काव महीने में एक बार कर सकते हैं।
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5 .हर्बल घोल का प्रयोग करें
नीलगाय को खेतों की ओर आने से रोकने के लिए एक और कारगर तरीके की बात करें तो 4 लीटर मट्ठे में आधा किलो छिला हुआ लहसुन पीसकर मिल दें, फिर इसमें 500 ग्राम बालू डालें। इस घोल को पांच दिन तक रखें, फिर इसका छिड़काव करें। इसकी गंध से लगभग 20 दिन तक नीलगाय खेत में नहीं आएगी। इसे 15 लीटर पानी के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है।
वहीं इसके अलावा बीस लीटर गोमूत्र, 5 किलोग्राम नीम की पत्ती, 2 किग्रा धतूरा, 2 किग्रा मदार की जड़, फल-फूल, 500 ग्राम तंबाकू की पत्ती, 250 ग्राम लहसुन, 150 लालमिर्च पाउडर को एक डिब्बे में भरकर 40 दिन के लिए धूप में रख दें। इसके बाद 80 लीटर पानी में एक लीटर दवा को घोलकर फसल पर छिड़काव करें। इससे पूरे महीने नीलगाय फसल पर हमला नहीं करती हैं, साथ ही इससे कीट पतंगों की समस्या भी कम होती है।
6 .घेराबंदी करें या ये घास लगाएँ
नीलगाय को भगाने के लिए आप खेत के चारों ओर कंटीली तार, बांस की फंटियां या चमकीली बैंड से घेराबंदी कर सकते हैं। इसके अलावा खेत की मेड़ों के किनारे करौंदा, जेट्रोफा, तुलसी, खस, जिरेनियम, मेंथा, लेमन ग्रास, सिट्रोनेला, पामारोजा आदि लगाने से भी नीलगाय के नुकसान से फसल को बचाया जा सकता है।
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7 .गोबर के घोल का छिड़काव करें
किसान साथी गोबर का घोल बनाकर मेड़ से एक मीटर अन्दर फसल पर छिड़काव करें तो इससे भी नीलगाय फसल को कुछ समय के लिए नुकसान नहीं पहुचाती हैं। इसके अलावा आप पोल्ट्री का कचरा, गोमूत्र, सड़ी सब्जियों की पत्तियों का घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करके भी फसल को बचा सकते हैं।
8 .अंडे से इस तरह तैयार करें घोल
आप अंडे का इस्तेमाल करके भी नीलगाय को भगा सकते हैं। इसके लिए 15 अंडे और 50 ग्राम वाशिंग पाउडर लें। फिर अंडे को फोड़कर इसे 25 लीटर पानी में मिला दें, और फिर इस घोल में 50 ग्राम वाशिंग पाउडर भी मिलाकर फसल के ऊपर उसका छिड़काव करें। इस घोल की गंध के कारण नीलगाय व आवारा मवेशी फसल पर हमला नहीं करेंगे। जानकारों की माने तो अंडों से एक विशेष प्रकार की गंध निकलती है, जिसकी वजह से नीलगाय खेत में नहीं आती है।
FAQ
गुजरात में नीलगाय की संख्या सबसे ज़्यादा है। इस राज्य में नीलगाय की आबादी पिछले 10 वर्षों में 117.27 प्रतिशत बढ़ी है।
नीलगाय को भगाने के लिए आप इस ब्लॉग में बताए गए उपाय अपना सकते हैं।
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