किसान भाईयों के लिए खेती के नज़रिए से अक्टूबर का महीना महत्त्वपूर्ण है। इस समय खरीफ फसलों की कटाई शुरु हो गई है, और किसान भाईयों ने रबी फसल की खेती की तैयारियां भी शुरु कर दी होगी।
अलग-अलग सीजन में अलग फसलों की खेती की जाती है, जिससे बोई गई फसलों की अच्छी उपज मिल सके। ऐसे में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों के लिए ज़रूरी सलाह जारी की है, कृषि विभाग द्वारा जारी सलाह के मुताबिक, किसानों को अक्टूबर माह में कृषि कार्य करने के दौरान निम्नलिखित बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत है:–
अक्टूबर माह में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें:–
- खेती से जुड़ी किसी भी प्रकार की योजना बनाते समय मौसम पर अवश्य ध्यान दें।
- जिन फसलों में फूल आने वाले हों उसमें किसी भी तरह का केमिकल का छिड़काव ना करें।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दलहनी और तिलहनी फसलों सहित आलू की बुवाई का समय उत्तम है, इसे कर सकते हैं।
- रोग और कीट का प्रकोप बढ़ने की स्थिति में फेरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल करें।
- अंतिम स्टेज पर ही कीट और रोग नियंत्रण के लिए कीटनाशकों का प्रयोग करें।
- धान में दूधिया अवस्था होने और फूल खिलने की स्थिति में पर्याप्त नमी को बरकरार रखें।
- जिन किसानों ने बीज के लिए धान बुवाई की है, वह खेत से खरपतवार हटाते रहें।
- ठंड में गन्ना बुवाई से पहले बीज उपचार और मिट्टी की अच्छे से जांच करें।
- आलू की अच्छी गुणवत्ता वाली किस्में: आलू की अगेती किस्मों जैसे कुफरी कंचन, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी सिंदूरी, कुफरी ख्याति, और कुफरी अशोका आदि अच्छी उपज देने वाली मानी जाती हैं।
- अक्तूबर के महीने में अरहर, मूंगफली, शीतकालीन मक्का, शरदकालीन रेगिस्तान, तोरिया, सरसों, चना, मटर, बरसीम, जौ आदि की खेती कर सकते हैं।
- इसके साथ ही किसान भाई अक्टूबर के महीने में काली मिर्च, टमाटर, प्याज, लहसुन आदि की कटाई भी कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये ब्लॉग पसंद आया होगा। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए पढ़ते रहें ग्रामिक के इस ब्लॉग सेक्शन के साथ।
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