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लाल टमाटर के बारे में तो आप सबने सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी काले टमाटर के बारे में सुना है? जी हाँ अब टमाटर लाल ही नहीं काला भी होता है और कहा जाता है कि काला टमाटर, लाल टमाटर से ज्यादा गुणकारी होता है, इसमें कैंसर से लड़ने व ब्लड प्रेशर सहित कई बीमारियों को नियंत्रित करने की ताकत होती है, इतना ही नहीं काले टमाटर की खेती कर मोटी कमाई भी की जा सकती है।
इंग्लैंड में हुई काले टमाटर की खेती शुरुआत
काले टमाटर की खेती की शुरुआत आज से कई साल पहले इंग्लैंड में हुई थी। कहा जाता है कि रे ब्राउन नाम के व्यक्ति ने जेनेटिक म्यूटेशन के द्वारा काले टमाटर को तैयार किया है। इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण ये यूरोप का सुपर फूड भी कहलाता है। इसे “इंडिगो रोज टोमेटो” भी कहा जाता है।
रंग व स्वाद में कैसा होता है काला टमाटर
काला टमाटर बीज शुरुआत में हल्का काला होता है और फिर पकने एक बाद पूरा काला हो जाता है। ये जल्दी ख़राब नहीं होता, सड़ता नहीं है, इसमें लाल टमाटर की अपेक्षा कम बीज होते हैं। इसे तोड़ने के बाद कई दिनों तक रखा जा सकता है, और ये ताजा बना रहता है।
ये टमाटर देखने में ऊपर से काला होता है लेकिन अन्दर से लाल होता है। इसका स्वाद लाल टमाटर जैसा नहीं होता है, बल्कि ये थोड़ा नमकीन होता है। इसके बीज लाल टमाटर की तरह ही होते हैं।
काले टमाटर के औषधीय गुण
काले टमाटर में बहुत औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण ये बीमारियों से बचाता है। इसमें ज्यादा मिठास नहीं होती इसलिए शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। इसमें प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन A ,C पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
इस काले टमाटर में इन्थोसाइनिन पाया जाता है, जो दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है। काले टमाटर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने की ताकत होती है, जिससे कैंसर से बचाव में मदद मिलती है।
काले टमाटर के लिए उपयुक्त जलवायु व समय
काले टमाटर की खेती लाल टमाटर की तरह ही की जा सकती है, इसके लिए भारत की जलवायु बहुत उपयुक्त है, काला टमाटर ठंडे स्थानों पर विकसित नहीं होता, ये गर्म स्थानों पर आसानी से उगाया जा सकता है। इसकी बुवाई के लिए जनवरी- फरवरी का महीना सबसे अच्छा माना जाता है, और लगभग 2 महीने बाद किसान साथियों को काले टमाटर की उपज मिलनी शुरू हो जाती है।
इन राज्यों में हो रही काले टमाटर की खेती
भारत में काले टमाटर की खेती अभी नई है, लेकिन इसकी बढती मांग और अच्छी कीमत को देखते हुए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड जैसे राज्यों में किसान साथी इसकी खेती प्रमुखता से कर रहे हैं।
काले टमाटर से होगी मोटी कमाई
काले टमाटर की मांग मार्केट में बढ़ रही है। कई ऑनलाइन कम्पनियाँ इसे बेच रही हैं, इसी के साथ देश की बड़ी मंडियों में आजकल ये टमाटर आने लगा है। खर्च की बात की जाये तो काले टमाटर की खेती में लाल टमाटर के बराबर ही खर्च आता है। हां बीज का मूल्य थोड़ा कम-ज़्यादा हो सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक काले टमाटर की खेती का खर्च निकालने के बाद 4 से 5 लाख रूपए प्रति हेक्टेयर तक की आमदनी हो सकती है। वहीं अगर किसान साथी इसकी अच्छी तरह से पैकिंग करके बेचते हैं, और अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करते हैं, तो और अच्छा मूल्य मिल सकता है।
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FAQ
काले टमाटर की खेती किसी भी गर्म इलाके में की जा सकती है। ठंडी जलवायु इसकी खेती के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है।
काले टमाटर की खेती जनवरी-फरवरी महीने में की जा सकती है, और मार्च- अप्रैल के महीने में इसमें फल आने लगते हैं।
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